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बिहार में AI आधारित कृषि रेडियो प्रणाली का शुभारंभ, किसानों को मिलेगी सटीक मौसम जानकारी

बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कृषि क्षेत्र में डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित कृषि रेडियो प्रसार प्रणाली का शुभारंभ किया। यह नई पहल पटना स्थित कृषि भवन के मीडिया सेंटर में की गई, जिसमें कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि और AI मिलकर किसानों के लिए नई क्रांति ला सकते हैं। यह प्रणाली न केवल उनकी पैदावार बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना करने की क्षमता भी प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि यह पहल पीएम मोदी की दूरदर्शी सोच और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में संभव हुई है, जिससे बिहार की कृषि को आधुनिक तकनीक से जोड़ने में मदद मिलेगी।

डिजिटल रेडियो सेवा के तहत ‘बिहार कृषि रेडियो’ एप लॉन्च किया गया है, जिसे प्ले-स्टोर और ऐप-स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यह एप किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है और इसका उद्देश्य समय पर सही और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना है। इसमें मौसम पूर्वानुमान, फसल रोग प्रबंधन, कृषि योजनाओं, मंडी भाव और बाजार की स्थिति जैसी जानकारी शामिल है।

इस प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता AI आधारित विश्लेषण है, जो मौसम, मिट्टी और बाजार के डेटा का अध्ययन कर त्वरित सुझाव प्रदान करेगा। सेवा क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगी और 24×7 किसानों के लिए इंटरैक्टिव सुविधा प्रदान करेगी, जिससे वे अपने सवालों के जवाब सीधे AI प्रणाली से प्राप्त कर सकेंगे।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रणाली से किसानों को मौसम की सटीक जानकारी समय पर मिलेगी, फसल की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और कीट एवं रोग प्रबंधन में मदद मिलेगी। बाजार भाव की अद्यतन जानकारी मिलने से किसान अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही सरकारी योजनाओं और अनुदानों की जानकारी सीधे किसानों तक पहुँचने से वे समय पर लाभ उठा पाएंगे।

कार्यक्रम में निदेशक कृषि विभाग नितिन कुमार सिंह, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। विजय कुमार सिन्हा ने विश्वास जताया कि AI आधारित कृषि रेडियो प्रणाली कृषि जगत में सूचना क्रांति लाएगी और किसानों के लिए खेती को अधिक लाभकारी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

यह पहल बिहार में कृषि तकनीक को आधुनिक बनाने और किसानों को डिजिटल सेवाओं से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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