सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अब एआई से बने अश्लील वीडियो तेजी से फैल रहे हैं। यह एक नए तरह का धंधा बन चुका है जिसमें कई कंटेंट क्रिएटर्स भारी कमाई कर रहे हैं। इन वीडियो को देखकर यूजर्स हैरान हैं क्योंकि ये बेहद असली जैसे लगते हैं, लेकिन हकीकत में इन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया जाता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंस्टा रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स पर इस तरह की क्लिप्स की बाढ़ आ गई है। कंटेंट क्रिएटर्स इन्हें वायरल करने के लिए अश्लीलता और सनसनीखेज एंगल का इस्तेमाल कर रहे हैं। लाखों-करोड़ों व्यूज मिलने की वजह से इन्हें विज्ञापनों और स्पॉन्सरशिप से मोटी कमाई हो रही है। कई क्रिएटर्स का दावा है कि महीनेभर में उनकी कमाई लाखों रुपये तक पहुंच जाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एआई टूल्स का गलत इस्तेमाल इस नई समस्या को जन्म दे रहा है। इनमें चेहरे बदलकर किसी भी महिला या सेलिब्रिटी का नकली वीडियो बना देना बेहद आसान हो गया है। यह न केवल समाज में अश्लीलता को बढ़ावा दे रहा है बल्कि महिलाओं की गरिमा और निजता के लिए भी बड़ा खतरा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने अश्लील कंटेंट पर रोक लगाने के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं, लेकिन एआई वीडियो के मामले में मॉडरेशन सिस्टम अक्सर फेल हो जाता है। इस वजह से यूजर्स को हर दिन इस तरह के नए वीडियो दिख रहे हैं।
साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे वीडियो के जरिए ब्लैकमेलिंग और फर्जीवाड़े का खतरा भी बढ़ गया है। कई मामलों में देखा गया है कि किसी महिला की तस्वीर लेकर उसे एआई की मदद से अश्लील वीडियो में बदल दिया गया और फिर वायरल कर दिया गया।
कानून विशेषज्ञों के मुताबिक, मौजूदा आईटी एक्ट में इस तरह के मामलों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन एआई टेक्नोलॉजी के तेजी से बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए नए कानूनों और सख्त कदमों की जरूरत है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस एआई अश्लीलता को लेकर लोगों में चिंता बढ़ रही है। जहां एक ओर कुछ क्रिएटर्स इसे आसान पैसा कमाने का जरिया बना चुके हैं, वहीं दूसरी ओर इसका समाज पर नकारात्मक असर साफ तौर पर दिखाई देने लगा है।