भारत में सैलरी और कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आने वाला है. कंपनियां अब सैलरी (Salary) तय करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का इस्तेमाल शुरू करने जा रही हैं. अगले 2 से 3 साल में कंपनियां AI बेस्ड प्रेडिक्टर मॉडल को अपनाकर वेतन तय करने में तेजी से लाएंगी.
EY ‘Future of Pay 2025’ रिपोर्ट के मुताबिक 10 में से 6 यानी 60 फीसदी कंपनियां वेतन और इंसेंटिव तय करने में AI का इस्तेमाल करने की इच्छुक हैं. वेतन तय करने के साथ ही रियल-टाइम पे इक्विटी एनालिसिस और कस्टमाइज्ड बेनिफिट्स के लिए भी AI का इस्तेमाल करने की कंपनियों की योजना है.
AI के जरिये अब सैलरी में बढ़ोतरी
आने वाले समय में कंपनियां फिक्स्ड सैलरी स्ट्रक्चर्स से हटकर AI-बेस्ड पूर्वानुमान और रियल-टाइम सैलरी रिविजंस की तरफ बढ़ेंगी. माना जा रहा है कि AI के जरिए कंपनियां सैलरी तय करने के तरीके को ज्यादा पर्सनल और पारदर्शी बना रही हैं. ब्लॉकचेन और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट वेतन भुगतान को सुरक्षित और ऑटोमेटेड बना रहे हैं.
AI बेस्ड सैलरी सिस्टम पारंपरिक वेतन स्ट्रक्चर से आगे बढ़कर नई संभावनाएं खोल रहा है. कंपनियों को अब कर्मचारियों को बनाए रखने और नए टैलेंट को आकर्षित करने के लिए इन तकनीकों को अपनाना होगा. EY की रिपोर्ट के मुताबिक AI का सैलरी और बोनस तय करने में ये रोल 2028 तक देखने को मिलेगा.
लेकिन इस रिपोर्ट में इस साल होने वाले संभावित सैलरी इंक्रीमेंट को लेकर भी विस्तार से जानकारी दी गई है जिसके मुताबिक 2025 में भारत में औसत वेतन बढ़ोतरी 9.4 फीसदी रहने का अनुमान है.
जानिए इस कितनी बढ़ेगी सैलरी?
आइए अब जानते हैं कि अलग-अलग सेक्टर्स में इस साल किस तरह के इंक्रीमेंट की उम्मीद कर्मचारी कर सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 2025 में ई-कॉमर्स में साढ़े 10 परसेंट, फाइनेंशियल सर्विसेज में 10.3 फीसदी, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स में 10.2 परसेंट, IT सेक्टर में 9.6 फीसदी और आईटी-इनेबल्ड सर्विसेज में 9 परसेंट की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
रिपोर्ट में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर यानी एट्रिशन रेट को लेकर भी जानकारी दी गई है जिसके मुताबिक 2023 के 18.3 फीसदी के मुकाबले 2024 में ये घटकर साढ़े 17 परसेंट हो गया है. कंपनियों के लिए ये एक पॉजिटिव संकेत है, क्योंकि आर्थिक स्थिरता और नए टैलेंट को बनाए रखने की रणनीतियां काम कर रही हैं.
इसके साथ ही कंपनियां अब AI, हाइब्रिड वर्क मॉडल और लॉन्ग-टर्म इंसेंटिव जैसे नए टूल्स का इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे कर्मचारियों को जोड़े रखा जा सके. ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय में भारतीय वेतन बाजार में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, जहां AI का रोल सबसे अहम रहेगा. इसके साथ ही ये भी जाहिर हो रहा है कि अब केवल अच्छी सैलरी के साथ ही काम के लचीले घंटे और हाइब्रिड वर्क मॉडल भी कर्मचारी संतुष्टि में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.