एक राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन सर्वेक्षण में भारतीय विमानन क्षेत्र को लेकर गंभीर चिंताएं सामने आई हैं, जिसमें खुलासा हुआ है कि कई एयरलाइंस कंपनियां यात्रियों की सुरक्षा की तुलना में ब्रांड प्रचार और मार्केटिंग पर अधिक खर्च कर रही हैं। लोकलसर्कल्स द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण में देशभर के 322 जिलों से 44,000 से ज्यादा नागरिकों की राय ली गई, जिसमें 76% उत्तरदाताओं ने माना कि एयरलाइंस कंपनियां प्रचार को प्राथमिकता दे रही हैं।
सर्वे के अनुसार जब लोगों से पूछा गया कि क्या एयरलाइंस सुरक्षा से अधिक ब्रांड छवि को महत्व दे रही हैं, तो 43% ने कहा कि सभी कंपनियां ऐसा कर रही हैं जबकि 33% ने माना कि कुछ एयरलाइंस ऐसा कर रही हैं। केवल 11% ने कहा कि कोई भी एयरलाइन ऐसा नहीं कर रही है और 13% लोगों ने कोई स्पष्ट राय नहीं दी।
सर्वे में हिस्सा लेने वालों में 63% पुरुष और 37% महिलाएं थीं, जिनमें 46% टियर-1 शहरों, 25% टियर-2 और बाकी 29% टियर-3, टियर-4, टियर-5 और ग्रामीण जिलों से थे।
हाल ही में हुई विमान दुर्घटनाओं के बाद यह सर्वे कराया गया है, जिसमें एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान हादसा भी शामिल है। यह विमान अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहा था और टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 241 यात्रियों और 19 अन्य लोगों की मौत हो गई थी।
सर्वे में यह भी सामने आया कि 75% यात्रियों ने दावा किया कि पिछले तीन वर्षों में उनकी 50% से ज्यादा उड़ानें कठिन या दर्दनाक रहीं। 6% ने बताया कि 40-50% उड़ानों में दिक्कतें हुईं, 6% ने 30-40% उड़ानों को समस्याग्रस्त बताया, जबकि केवल 9% ने 10-20% उड़ानों को ही कठिन बताया।
आंकड़ों के अनुसार कुल 64% यात्रियों ने माना कि पिछले तीन वर्षों में उन्हें कम से कम एक बार उड़ान के दौरान, उससे पहले या बाद में मुश्किल हालात का सामना करना पड़ा है। ये आंकड़े भारतीय विमानन क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।