अजित पवार ने कहा- इन चीजों पर 28% ज्यादा है GST, अगले महीने फैसला, मिलेगी छूट?

देश में कोल्ड ड्रिंक्स समेत अन्य कार्बोनेटेड पेय पदार्थों की कीमतों (Cold Drinks Price) में कमी देखने को मिल सकती है. दरअसल, सरकार को इन ड्रिंक्स पर अभी तक लागू 28 फीसदी के जीएसटी स्लैब (GST Slab) को कम किए जाने का अनुरोध मिला है. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पर लागू जीएसटी को तर्कसंगत बनाने का आग्रह किया है. हालांकि, इस पर फैसला आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में होगा.

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अगस्त में होगी GST की बैठक
जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक अगले महीने अगस्त में आयोजित की जाएगी और उम्मीद जताई जा रही है कि इसमें कार्बोनेटेड ड्रिंक्स समेत अन्य चीजों पर लागू जीएसटी स्लैब में बदलाव को लेकर मिले प्रस्तावों पर विचार किया जा सकता है. इस बैठक में GST Rates को तर्कसंगत बनाने के लिए मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा की जानी है. इस बीच अधिकारियों ने ये संकेत दिए हैं कि कुछ सामानों पर जीएसटी स्लैब और सेस को सरल बनाया जा सकता है या फिर उन्हें मर्ज किया जा सकता है.

जीएसटी-सेस मिलाकर 40% टैक्स
गौरतलब है कि कार्बोनेटेड ड्रिंक्स को तंबाकू और पान मसाला के साथ-साथ ‘Sin Goods’ की कैटेगरी में रखा गया है, जिन पर सबसे ज्यादा GST-Cess लागू होता है. ऐसे में केंद्र को लगातार इन ड्रिंक्स पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के लिए औपचारिक अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं. बता दें कि अभी इन्हें 28% GST स्लैब में रखा गया है और इसके साथ ही इन पर 12% क्षतिपूर्ति सेस भी लागू होता है और दोनों को मिलाकर इन पर प्रभावी टैक्स 40% हो जाता है.

अजित पवार ने की टैक्स घटाने की मांग
सरकारी सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री (Maharashtra Deputy CM) अजित पवार ने वित्त मंत्रालय से कार्बोनेटेड पेय पदार्थों पर टैक्स के बोझ (Tax Burden) को तर्कसंगत बनाने का अनुरोध किया है. भारतीय पेय पदार्थ संघ (IBA) सहित अन्य उद्योग समूहों ने भी अपनी दलीलें पेश करते हुए इन पर मौजूदा टैक्स सिस्टम अनुचित बताया है और इससे इस सेक्टर में इनोवेशंस के बाधित होने का हवाला दिया है.

ग्राहकों को होगा बड़ा फायदा
बीते कुछ समय में Carbonated Drinks पर लागू जीएसटी रेट्स को लेकर अदालतों ने भी टिप्पणियां की हैं. हाल ही में गुवाहाटी (Guwahati) के हाई कोर्ट कहा था कि कुछ फिजी फ्रूट ड्रिंक्स, अगर मुख्य रूप से जूस पर आधारित हों, तो उन पर 28% के बजाय 12% टैक्स लागू किया जाना चाहिए.

इसे लेकर सरकार को मिले ताजा प्रस्ताव पर अगली बैठक में चर्चा के दौरान ऐसा भी हो सकता है कि कुछ राज्य उपकर को समाप्त करने से होने वाले रेवेन्यू पर पड़ने वाले प्रभावों के कारण विरोध करें. हालांकि, GST Rates में किसी भी संशोधन या उपकर हटाने से ग्राहकों को तगड़ा फायदा होगा और उनके लिए इनकी कीमतें कम हो जाएंगी, इसके अलावा ड्रिंक्स मैन्युफैक्चरर के लिए मार्जिन में भी सुधार होगा.

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