पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को स्वीकार किया कि अकाली सरकार के दौरान डेरा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलाने में उन्होंने भूमिका निभाई थी. सुखबीर बादल के मामले को लेकर अकाल तख्त में पांच सिंह साहिबानों की बैठक हुई, जिसमें उन्हें और शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट सदस्यों को धार्मिक दुराचार के आरोपों के लिए सजा सुनाई गई. बता दें कि दो महीने पहले सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त ने ‘तनखैया’ (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित किया था.
सुखबीर बादल और 2015 की अकाली सरकार के अन्य कैबिनेट सदस्यों को स्वर्ण मंदिर में शौचालय साफ करने, बर्तन साफ करने समेत अन्य धार्मिक दंड दिया गया है. अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल की कार्य समिति को तीन दिनों के भीतर सुखबीर बादल का इस्तीफा स्वीकार करने और अकाल तख्त साहिब को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है. अकाल तख्त ने शिरोमणि अकाली दल की कार्य समिति को सदस्यता अभियान शुरू करने और छह महीने के भीतर नए अध्यक्ष का चुनाव करने का भी निर्देश दिया है.
VIDEO | Five high priests headed by Akal Takht Jathedar Giani Raghbir Singh pronounce punishment for former Punjab deputy CM Sukhbir Singh Badal for religious misconduct.
On August 30, Sukhbir was declared ‘tankhaiya’ by Akal Takht, which held him guilty of religious misconduct… pic.twitter.com/MwPKXI1OS3
— Press Trust of India (@PTI_News) December 2, 2024
प्रकाश बादल की ‘फकर-ए-कौम’ उपाधि भी छिनी
अकाली सरकार के दौरान विवादास्पद डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दी गई माफी को ध्यान में रखते हुए अकाल तख्त ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दी गई ‘फकर-ए-कौम’ उपाधि वापस ले ली. दरअसल, 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने गुरु गोबिंद सिंह की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह वेशभूषा धारण करके अमृत छकाने का स्वांग रचा था. इसे लेकर राम रहीन के खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज हुआ था. लेकिन अकाली सरकार ने राम रहीम को सजा दिलवाने की जगह उसके खिलाफ दर्ज मामलेवापस ले लिए थे.