बनारस में नाटी इमली के भरत मिलाप की रामलीला में भगदड़ पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर निशाना साधा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द की परंपरा को बीजेपी ने खंडित करने का प्रयास किया है. भरत मिलाप के दौरान मची भगदड़ बीजेपी वालों की बदइंतजामी का प्रमाण है.
अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बीजेपी पर गंभीर आरोप भी लगाए. पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपाई नहीं चाहते हैं कि भाईचारे के ऐसे कार्यक्रम सफल हों. रामलीला में भगदड़ बीजेपी सरकार की संकीर्ण राजनीति का प्रतीक है. नाटी इमली के भरत मिलाप की रामलीला 4870 साल से चली आ रही परंपरा में यदुकुल के कंधे पर रघुकुल का मिलन होता आया है.
देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द की परंपरा को खंडित करने का प्रयास भाजपा सरकार की संकीर्ण राजनीति का प्रतीक है। यहाँ मची भगदड़ भाजपाइयों की बदइंतज़ामी का प्रमाण है, जो नहीं चाहते हैं कि भाईचारे के ऐसे आयोजन सफल हों।
बनारस के ‘नाटी इमली के भरत मिलाप’ की 480 साल… pic.twitter.com/bP9DVRbvdV
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 14, 2024
अखिलेश बोले- कमलवंशी दरार पैदा कर रहे
पूर्व सीएम ने आगे कहा कि सूर्यवंशी-चंद्रवंशी के आपसी प्रेम-स्नेह के बीच कमलवंशी लोग सियासी दरार पैदा कर रहे हैं. सरकार की ओर से जहां बैरिकेडिंग की जानी चाहिए वो वहां नहीं करती है और जहां नहीं की जानी चाहिए वहां करती है. कहां करती है ये बताने की जरूरत नहीं है, यह जनता बहुत समझदार है.
सदियों पुरानी रामलाली के भरत मिलाप में भगदड़ और राम भक्तों पर लाठीचार्ज से लोग गुस्से में है. लोगों का मानना है कि 480 साल से चली आ रही इस रामलीला को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं, लेकिन कभी पुलिस की ओर से लाठीचार्ज जैसी घटना सामने नहीं आई.
पुलिस की बैरिकेडिंग के बाद बढ़ा विवाद
रविवार को भरत मिलाप के दौरान उस समय स्थिति कंट्रोल से बाहर हो गई जब नाटी इमली मैदान में यादव बंधु पुष्पक विमान लेकर पहुंचे थे. आरोप है कि पुलिस ने बैरिकेडिंग करके उन्हें रोकने की कोशिश की. इसके बाद भीड़ को रोकने में नाकाम रही पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर बितर करने का प्रयास किया जिसके बाद भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. हालांकि, पुलिस लाठीचार्ज से इनकार कर रही है.
रामलीला देखने पहुंचते हैं हजारों लोग, लेकिन…
भरत मिलाप देखने पहुंचे लोगों ने कहा है कि सदियों से चली आ रही इस रामलीला में आज तक कभी ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिली. हमेशा से हजारों की संख्या में लोग रामलीला देखने आते रहे हैं फिर भी कार्यक्रम का आयोजन शांतिपूर्वक होता रहा है, लेकिन इस बार जो हुआ वो बनारस की इस रामलीला की परंपरा के खिलाफ है.