इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में एक भागवत कथावाचक और उनके सहयोगियों के साथ कथित तौर पर की गई जातिगत बदसलूकी को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस घटना को व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा के खिलाफ किया गया सीधा हमला करार देते हुए योगी सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है. अखिलेश यादव ने चेताया है कि यदि इस मामले में शीघ्र और सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो ‘पीडीए’ (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) के मान-सम्मान के लिए एक बड़ा जनआंदोलन छेड़ा जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, घटना इटावा जनपद के बकेवर थाना क्षेत्र के दान्दरपुर गांव की है, जहां कथावाचक मुकुटमणि अपने सहयोगियों संग भागवत कथा करने पहुंचे थे. कलश स्थापना के बाद भोजन के समय कुछ ग्रामीणों ने कथावाचक से उनकी जाति पूछी. कथावाचक द्वारा अपने यादव और अनुसूचित जाति से होने की जानकारी देने पर कथित तौर पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई और कहा कि तुम यादव और अनुसूचित जाति के होकर कथा कैसे कर सकते हो?
इस बात को लेकर बहस बढ़ गई और मामला इतना बिगड़ गया कि कथावाचक और उनकी टीम के साथ अभद्रता की गई. आरोप है कि न केवल उनके साथ मारपीट हुई, बल्कि उनके बाल भी काट दिए गए और उन्हें नाक रगड़ने पर मजबूर किया गया. इसके बाद कथित तौर पर इलाके की “शुद्धि” भी कराई गई, जिससे मामला और गंभीर हो गया.
अखिलेश यादव ने इस अमानवीय व्यवहार की निंदा करते हुए ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा है कि हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता. यह घटना एक व्यक्ति के गरिमामय जीवन जीने के अधिकार का घोर उल्लंघन है. उन्होंने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की. उन्होंने आगे कहा कि अगर आगामी तीन दिनों में सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो हम पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन करेंगे. पीडीए के स्वाभिमान से बड़ा कुछ नहीं.
इस घटना को लेकर प्रशासन ने भी संज्ञान लिया है. इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वायरल वीडियो की जांच की जा रही है और पीड़ित पक्ष से तहरीर प्राप्त हो चुकी है. उन्होंने कहा कि एसपी ग्रामीण मामले की गहन जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.