बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने हाल ही में फिल्मों की ओटीटी रिलीज़ और दर्शकों की बदलती पसंद पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बिना नाम लिए आमिर खान पर भी तंज कसा और कहा कि जब फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलती, तो इसका ठीकरा ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर फोड़ना गलत है।
अक्षय ने कहा कि आज के समय में दर्शकों के पास ढेरों विकल्प हैं। थिएटर में भीड़ तभी जुटेगी जब कंटेंट दमदार होगा। अगर फिल्म कमजोर है, तो दर्शक उसे किसी भी प्लेटफॉर्म पर नहीं देखेंगे। उन्होंने कहा, “अच्छी कहानी और सही प्रस्तुति ही दर्शकों को खींच सकती है। लेकिन अगर फिल्म फ्लॉप हो जाए तो यह कहना कि ओटीटी ने सिनेमा को नुकसान पहुंचाया, यह सही नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि बदलते समय के साथ इंडस्ट्री को भी खुद को ढालना होगा। पहले लोग सिर्फ थिएटर पर निर्भर रहते थे, अब ओटीटी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए भी मनोरंजन का बड़ा संसार खुल चुका है। दर्शक अपनी सुविधा और पसंद के हिसाब से कंटेंट चुन रहे हैं।
अक्षय कुमार ने कहा कि फिल्ममेकर्स को दर्शकों की नब्ज समझकर काम करना होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलीं लेकिन बाद में ओटीटी पर खूब सराही गईं। वहीं कुछ फिल्मों ने थिएटर में ही इतिहास रच दिया। यानी सफलता या असफलता का जिम्मेदार प्लेटफॉर्म नहीं बल्कि फिल्म का कंटेंट होता है।
बॉलीवुड में पिछले कुछ समय से यह बहस तेज हो गई है कि थिएटर और ओटीटी के बीच खींचतान से इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा है। कई सितारे मानते हैं कि ओटीटी के आने से दर्शकों की प्राथमिकताएँ बदल गई हैं, जबकि कुछ का मानना है कि असली वजह कमजोर स्क्रिप्ट और दोहराई जाने वाली कहानियाँ हैं।
अक्षय कुमार का यह बयान ऐसे समय आया है जब आमिर खान की पिछली फिल्म उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। आमिर ने इसके लिए ओटीटी के ट्रेंड को भी जिम्मेदार बताया था। हालांकि अक्षय के तंज ने इस बहस को और गरमा दिया है।