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“वैष्णो देवी यात्रियों के लिए अलर्ट: अगले 48 घंटे रहें सावधान, इन सुविधाओं पर रहेगा असर”

जम्मू के कटरा में श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति द्वारा 72 घंटों के लिए हड़ताल का ऐलान किया गया है. बुधवार से यहां हड़ताल जारी है. कटरा और यात्रा मार्ग के दुकानदार, पिट्ठू, पालकी, घोड़ा वालों के साथ सभी ऑटो चालक भी इस स्ट्राइक में शामिल हैं. ये हड़ताल श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा कटरा (ताराकोट) मार्ग से भवन तक लगाए जा रहे गांडोला (रोपवे) परियोजना के खिलाफ है. हड़ताल के चलते माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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श्राइन बोर्ड का कहना है रोपवे परियोजना का फायदा वो लोग ले पाएंगे जो माता के दर्शन करना तो चाहते हैं, लेकिन अपनी स्वास्थ्य स्थिति के काम नहीं कर पाते. इसका ज्यादा फायदा बुजुर्ग, विकलांग, बच्चों को होगा. इस गांडोला प्रोजेक्ट के लगते ही श्रद्धालु 6 मिनिट में कटरा से भवन तक का रास्ता तय कर लेंगे, जिसमें अभी पैदल 6 से 7 घंटे का समय लगता है.

आने वाले यात्री हो रहे परेशान

72 घंटे की हड़ताल से बंद का खासा असर कटरा में देखने को मिला. देश के अलग-अलग राज्यों से माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आ रहे यात्रियों का कहना है कि हमें दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि खाने-पीने की दुकान बंद हैं. पिट्ठू, पालकी, घोड़ा वाले नहीं चल रहे हैं. सरकार को इन लोगों के साथ बातचीत करके बीच का हल निकालना चाहिए.

समिति ने कहा- करते रहेंगे प्रदर्शन

श्राइन बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह सरकार के खिलाफ तब तक प्रदर्शन करते रहेंगे, जब तक यह रोपवे प्रोजेक्ट को बंद नहीं किया जाएगा. इस बीच श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति के 18 सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच धक्का मुक्की भी हुई. श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति के संस्थापक करण सिंह ने कहा कि यह सीधे-सीधे कटरा से लेकर ट्रैक तक 2 लाख से ज्यादा व्यापारी, घोड़ा, पिट्ठू, पालकी, ड्राई फ्रूट व्यापारी तमाम व्यवसाय पर सीधा असर पड़ेगा.

कई पड़ाव के नहीं कर पाएंगे दर्शन

श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति (जिसमें स्थानीय दुकानदार, व्यापारी, दुकानदारों, पिट्ठू, पालकी, घोड़ा वाले आदि शामिल है) का कहना है कि इससे उनके व्यापार पर असर पड़ेगा. साथ ही उनका तर्क है कि कटरा से लेकर भवन तक कईं पड़ाव हैं, जहां माथा टेकते हुए श्रद्धालु भवन तक पहुंचते हैं. अगर गंडोला लग जाता है तो श्रद्धालु इन सब के दर्शन नहीं कर पाएंगे, जिससे यात्रा पूर्ण नहीं होगी. इन पड़ावों में बाण गंगा, चरण पादुका, आधीकुवारी, सांझीछत, हाथीमथा आदि शामिल हैं.

प्रोजेक्ट से पड़ेगा व्यापार पर असर

पिट्ठू, पालकी, घोड़ा वालो की तादात यहा तकरीबन 10 से 12000 की है. इन पिट्ठू, पालकी, घोड़ा वालो का कहना है कि हम दिन में 1000 से 2000 रुपये के बीच कमाते हैं. ऐसे में अगर यह रोपवे लगा तो वह बेरोजगार हो जाएंगे. उनका आरोप है कि इस रोपवे को लगाकर सरकार सीधे हमारे रोजगार पर प्रहार कर रही है. वहीं, माता वैष्णो देवी मंदिर ट्रैक पर तकरीबन 2000 से 2500 दुकान हैं. दुकानदारों का कहना है कि अगर रोपवे लगा तो हमारा तो रोजगार ही खत्म हो जाएगा. हम कहा जाएंगे? कई हजार लोग यहा पर इन दुकानों में काम करते हैं, उनका क्या होगा?

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