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निज्जर मर्डर केस के चारों आरोपियों को मिली बेल, कनाडा की कोर्ट का बड़ा फैसला 

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर मर्डर केस में कनाडा सरकार को बड़ा झटका लगा है. सभी चारों आरोपियों को जमानत दे दी गई है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी.

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कनाडा के सर्रे में जून 2023 को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी. हत्या के आरोप में 18 जून 2023 को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन इस मामले ने दुनिया का ध्यान उस समय खींचा, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने हत्या का आरोप भारत सरकार के एक एजेंट पर लगाया था. भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था.

इस मामले में चार आरोपियो करन बरार, कमलप्रीत सिंह, करनप्रीत सिंह और अमनदीप सिंह को अरेस्ट किया था. इन चारों पर फर्स्ट डिग्री मर्डर और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. अब इस मामले की सुनवाई ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में 11 फरवरी को होगी.

कौन हैं तीनों भारतीय? 

निज्जर की हत्या के आरोप में 22 साल के करन बरार, 22 साल के कमलप्रीत सिंह और 28 साल के करनप्रीत सिंह आरोपी हैं. इन तीनों के नाम के इनिशियल K से शुरू होने की वजह से इन्हें K ग्रुप कहा जा रहा है. ये सभी भारतीय हैं, जो कनाडा के एडमॉन्टन में रह रहे थे.

ये आरोपी टेंपरेरी वीजा पर साल 2021 में कनाडा पहुंचे थे. इनमें से कुछ के पास स्टूडेंट वीजा था लेकिन किसी ने भी कनाडा में पढ़ाई नहीं की. इन तीनों पर हत्या और आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है.

ट्रूडो ने भारत पर लगाया था निज्जर की हत्या का आरोप

जस्टिन ट्रूडो ने 2023 में संसद में खड़े होकर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का इल्जाम भारत पर लगाया था. इसके बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया था. तब से ही भारत और कनाडा के बीच रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. भारत ने भी ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानियों को लुभाने के लिए वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया था.

इसी साल जनवरी में कनाडा के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस ने कहा था कि भारत निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा के साथ सहयोग कर रहा है.

पिछले साल हुई थी निज्जर की हत्या

2023 में जून में कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर निज्जर की हत्या कर दी गई थी. निज्जर खालिस्तानी आतंकी था. खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था. वह बीते कई सालों से कनाडा में रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था.

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, निज्जर भारतीय जांच एजेंसियों के लिए पिछले एक साल में इसलिए और भी ज्यादा बड़ा सिरदर्द बन गया था क्योंकि उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को विदेशों में लॉजिस्टिक और पैसा मुहैया करवाना शुरू कर दिया था.

ट्रूडो जब 2018 में भारत दौरे पर आए थे. उस समय उन्हें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का भी नाम शामिल था. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया था. 2010 में पटियाला के एक मंदिर के बाहर हुए बम विस्फोट में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उस पर हिंसा भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने सहित कई मामलों में पुलिस को तलाश थी.

भारत ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था. NIA ने उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था.

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