दिल्ली में रविवार को ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई, जिसका उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। यह आयोजन देश के पहले निर्वाचित भारतीय स्पीकर वीर विट्ठल भाई पटेल के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। दो दिवसीय यह सम्मेलन 24 और 25 अगस्त तक दिल्ली विधानसभा परिसर में चल रहा है, जिसमें देशभर की विभिन्न विधानसभाओं के अध्यक्ष और पीठासीन अधिकारी शामिल हुए हैं।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने “भारत लोकतंत्र की जननी” विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भारत ने प्राचीन काल से ही लोकतंत्र को आत्मसात किया है। ग्राम पंचायतों की परंपरा से लेकर आज़ादी के बाद बने विधानमंडलों तक, लोकतांत्रिक मूल्य भारतीय समाज की धड़कन रहे हैं। रमन सिंह ने यह भी कहा कि विधानसभाएं लोकतंत्र को मजबूत करने में अहम कड़ी हैं, क्योंकि यही माध्यम है जिससे जनता की आकांक्षाएं शासन की नीतियों में परिवर्तित होती हैं।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए अमित शाह ने वीर विट्ठल भाई पटेल के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि पटेल जैसे महान नेताओं ने भारतीय लोकतंत्र की नींव को मजबूत किया और उनकी परंपरा आज भी देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं में जीवित है। शाह ने कहा कि ऐसे आयोजनों से लोकतांत्रिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर गंभीर विमर्श होता है, जो भविष्य में लोकतंत्र को और मजबूत बनाने में सहायक होगा।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे। सम्मेलन में इस बात पर मंथन किया जा रहा है कि विधान मंडलों की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी कैसे बनाया जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सम्मेलन से निकलने वाले प्रस्ताव आने वाले समय में भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को और सुदृढ़ करेंगे।