महाकाल मंदिर में भेदभाव का आरोप: आम भक्तों के लिए मोबाइल बैन, वीआईपी के लिए छूट..

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में गुरुवार से भस्म आरती में मोबाइल पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंदिर प्रशासन ने सुबह जांच के बाद सामान्य दर्शनार्थियों के मोबाइल मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर स्थित लाकर में जमा कराए, जबकि अधिकांश वीआईपी व पुजारी, पुरोहित मोबाइल लेकर भीतर पहुंचे।

दिन में नियम शिथिल नजर आया और बड़ी संख्या में भक्त अपने साथ मोबाइल लेकर दर्शन करने पहुंचे। मंदिर परिसर में मोबाइल से फोटोग्राफी तथा सेल्फी लेते भी नजर आए। महाकाल मंदिर में चार दिन पहले एक युवती ने फिल्मी गाने पर रील बनाकर इंटरनेट माध्यम पर वायरल कर दी थी।

मोबाइल पर पूरी तरह से प्रतिबंध

इस पर जमकर वबाल मचा और मंदिर के पुजारियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। विवाद को समाप्त करने के लिए समिति ने मंदिर में मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध के अपने पुराने नियम का कड़ाई से पालन कराने का निर्णय लिया और गुरुवार से भस्म आरती में मोबाइल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया।

विशिष्ट व्यक्तियों को छूट रही

पहले दिन प्रतिबंध का असर देखने को मिला और सामान्य दर्शनार्थियों के लिए निर्धारित मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर में अनुमति व आईडी की जांच के बाद भक्तों के मोबाइल जमा करा लिए गए। जबकि वीआईपी द्वार गेट नं.1 से प्रवेश करने वाले विशिष्ट व्यक्तियों को मोबाइल भीतर ले जाने पर छूट रही।

मोबाइल लेकर गए भक्त

इसके अलावा पुजारी, पुरोहित व उनके सेवक भी बिना रोकटोक भीतर तक मोबाइल ले गए। खास बात यह रही भस्म आरती के बाद मंदिर प्रशासन अपने बनाए नियमों का पालन नहीं करा पाया। दिनभर भक्त बिना जांच पड़ताल के भीतर तक मोबाइल लेकर गए। दर्शनार्थियों ने मंदिर परिसर में मोबाइल से फोटोग्राफी तथा सेल्फी लेते नजर आए।

पुजारी, पुरोहित को समझाइश, आज से सख्ती

सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि पुजारी, पुरोहित तथा उनके सेवकों के लिए भी प्रतिबंध के नियम का पालन करना अनिवार्य है। गुरुवार को पूजन परंपरा से जुड़े लोगों ने काफी हद तक इसका पालन किया, जो शेष रह गए थे उन्हें नियम का पालन करने की हिदायत दी गई है। शुक्रवार से इन सभी को नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है।

हमेशा की तरह एक दो दिन में शिथिल हो जाएगा नियम

मंदिर व्यवस्था से जुड़े लोगों का कहना है कि मंदिर प्रशासन रील पर उठे विवाद को समाप्त करना चाहता है। इसलिए पुराने नियम का कड़ाई से पालन कराने के दावे किए जा रहे हैं। जबकि हकीकत में मंदिर समिति के पास पर्याप्त मात्रा में मोबाइल लाकर ही नहीं है।

मंदिर की दर्शन व्यवस्था भी ऐसी है कि इस नियम का पालन नहीं हो सकता है। एक दो दिन बाद नियम शिथिल हो जाएगा और व्यवस्था पुराने ढर्रे पर आ जाएगी।

प्रतिदिन 1700 भक्तों को अनुमति

मंदिर समिति प्रतिदिन 1700 भक्तों को भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन की अनुमति देती है। इनमें 300 सामान्य सामान्य श्रद्धालुओं को ऑफलाइन, 400 भक्तों को ऑनलाइन, 400 पुजारी, पुरोहित के यजमान तथा करीब 600 प्रोटोकाल के तहत आने वाले दर्शनार्थी शामिल हैं।

 

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