कथित आपत्तिजनक टिप्पणी मामला: सोनू निगम ने अपने खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने के लिए हाई कोर्ट का रुख किया

बेंगलुरु: बॉलीवुड के मशहूर प्लेबैक सिंगर सोनू निगम ने बेंगलुरु में एक म्यूजिक कंसर्ट के दौरान कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के संबंध में अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कर्नाटक रक्षण वेदिके की बेंगलुरु शहरी जिला यूनिट के अध्यक्ष टीए धर्मराज की शिकायत के बाद अवलाहल्ली पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थाी.

वेदिके ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया गया कि सोनू निगम ने 25 और 26 अप्रैल को ईस्ट प्वाइंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एक प्रदर्शन के दौरान आपत्तिजनक और कन्नड़ लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बयान दिए.शिकायत के बाद पुलिस ने 3 मई को एफआईआर दर्ज की.

सुनवाई 15 मई तक के लिए स्थगित

हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में निगम ने मामले के संबंध में ट्रायल कोर्ट द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने की भी मांग की है. याचिका पर सुनवाई करने वाली जस्टिस शिवशंकर अमरन्नावर की अवकाश पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील को कुछ कार्यालय आपत्तियों को दूर करने का निर्देश दिया और सुनवाई 15 मई तक के लिए स्थगित कर दी.

निगम के वकील ने दलील पेश

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान निगम के वकील ने याचिका के समर्थन में दलीलें पेश कीं. पीठ ने कहा कि उसने प्रक्रिया संबंधी आपत्तियों से संबंधित दलीलें दर्ज कर ली हैं और मामले को अगली तारीख तक टालने का आदेश जारी किया है.

किन धाराओं में दर्ज हुआ केस

बता दें कि सिंगर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें धारा 351 (2) (आपराधिक धमकी), धारा 353 (सार्वजनिक उपद्रव करने वाले बयान देना) और धारा 352 (1) (जानबूझकर शांति भंग करना) शामिल हैं.

इससे पहले 5 मई को अवलाहल्ली पुलिस ने सोनू निगम को नोटिस जारी कर एफआईआर के संबंध में जांच के लिए उपस्थित होने का निर्देश दिया था. जवाब में निगम ने अब हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर कानूनी सहारा लिया है.

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