तीसरी बार कोर्ट में हाज़िर हुए आलोक शुक्ला, ED कर सकती है रिमांड पर दावा

छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड IAS नान घोटाला केस में सरेंडर करने के लिए 5 दिनों से ED कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं। आलोक शुक्ला तीसरी बार सरेंडर करने कोर्ट पहुंचे हैं। ED के अधिकारियों की मौजूदगी में कोर्ट में अभी सरेंडर करने की प्रक्रिया चल रही है। कोर्ट के बाहर CRPF जवानों की तैनाती है।

मिली जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद रायपुर की ED कोर्ट में सुनवाई चल रही है। घोटाले के आरोपी रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा भी कोर्ट पहुंचे हैं। ED ने कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट का आवेदन लगाया है। प्रोडक्शन वारंट एक्सेप्ट होने के बाद ED आलोक और टुटेजा को रिमांड पर लेगी

इसके पहले आलोक शुक्ला 18 सितंबर को भी कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन कोर्ट ने सरेंडर कराने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अभी सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर अपलोड नहीं हुआ है। सरेंडर नहीं करा सकते हैं। इसके बाद 19 सितंबर को शुक्ला फिर कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन ED के वकील केस डायरी लेकर नहीं पहुंचे थे।

जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था ?

दरअसल, नान घोटाला केस में रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन ED ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। ED ने कोर्ट में बताया कि आरोपियों ने 2015 में दर्ज नान घोटाला मामले और जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। हमारी जांच अभी पूरी नहीं हुई है।

जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने सुनवाई के बाद हाईकोर्ट से आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को मिली अग्रिम जमानत को रद्द कर दी। कोर्ट ने ED की कस्टडी के लिए आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि पहले 2 हफ्ते ED की हिरासत और उसके बाद 2 हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही उन्हें जमानत मिल सकेगी।

सुप्रीम कोर्ट बोला- 3 महीने में जांच पूरी करे ED

इसके साथ ही जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने ED और EOW को जांच पूरी करने के लिए तय समय सीमा दी है। बेंच ने ED को तीन महीने और EOW को 2 महीने में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि पेंडिंग मामलों का निपटारा समय पर होना चाहिए।

जानिए क्या है नान घोटाला

नागरिक आपूर्ति निगम में चावल, नमक सहित खाद्य पदार्थों के परिवहन और भंडारण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं। इन शिकायतों के आधार पर ACB और EOW ने 12 फरवरी 2015 को नान मुख्यालय और 28 अन्य स्थानों पर एक साथ छापेमारी की।

कार्रवाई के दौरान नान के रायपुर स्थित मुख्यालय से पौने 2 करोड़ रुपए से ज्यादा नगदी बरामद हुई। सभी जगहों पर छापों के बाद ACB ने कुल 3.50 करोड़ रुपए जब्त किए। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए गए।

जांच पूरी होने के बाद ACB ने नान के मैनेजर समेत 16 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया। करीब 5 हजार पेज के चालान में 213 गवाह बनाए गए थे। दो IAS अधिकारी आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा के खिलाफ केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद पूरक चालान पेश किया गया।

आलोक शुक्ला खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव थे

IAS अफसर आलोक शुक्ला पेशे से डॉक्टर रह चुके हैं। फरवरी 2015 में नागरिक खाद्य आपूर्ति निगम में आर्थिक अनियमितताओं का मामला उजागर हुआ। इस मामले में आलोक शुक्ला और IAS अनिल टुटेजा भी आरोपी बनाए गए। उस समय शुक्ला खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव थे और टुटेजा नान के MD थे।

Advertisements
Advertisement