अलवर: के पोक्सो कोर्ट नंबर-4 की जज हिंमाकनी गौड़ ने गैंगरेप के लिए उकसाने के मामले में एक महिला को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.
विशिष्ट लोक अभियोजक प्रशांत यादव ने बताया कि मामला बानसूर थाना क्षेत्र का है. 25 मई 2024 की रात गांव का एक युवक नाबालिग लड़की को धमकी देकर घर की छत पर बुला लाया. वहां उसका साथी और पड़ोसन महिला पहले से मौजूद थे. पड़ोसन ने दोनों युवकों से कहा कि “जो करना है कर लो, मैं देखती हूँ. इसके बाद दोनों ने लड़की से जबरन दुष्कर्म किया.
मामले की जांच बानसूर के वृत्ताधिकारी सत्यप्रकाश ने की. जांच में पड़ोसन का अपराध साबित होने पर उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई. वहीं, दो अन्य आरोपियों में से एक की मौत हो चुकी है और दूसरा गिरफ्तार होकर अब कोर्ट में पेश है.
महिला पीड़िता के घर की पड़ोसन थी और अक्सर उनके घर आती-जाती रहती थी. परिवार को उस पर भरोसा था, लेकिन उसने उसी भरोसे को तोड़कर अपराध किया. एक महिला होते हुए भी उसने नाबालिग पीड़िता के साथ यौन हिंसा करवाने में सक्रिय सहयोग दिया.
कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसे मामलों में नरमी बरती गई तो समाज में गलत संदेश जाएगा और लोग अपने पड़ोसियों पर भी भरोसा नहीं कर पाएंगे. कानून ने भी ऐसे अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया है. इसलिए अभियुक्ता को कड़ी सजा देना जरूरी है ताकि न्याय का उद्देश्य पूरा हो सके.
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 13 गवाह और 19 दस्तावेज पेश किए. सबूत और गवाही के आधार पर कोर्ट ने महिला को दोषी मानकर सजा सुनाई.