बिहार में आरा जिले के हजारों किसानों की जमीन हिंद महासागर में है. चौंक गए ना, कुछ यही स्थिति आरा जिले के किसानों की भी है. वह हैरान हैं और परेशान भी. दरअसल सरकारी रिकार्ड में उनके खेतों की लोकेशन 1200 किमी दूर हिंद महासागर में दर्शाई गई है. इससे राज्य में आरा जिले के हजारों की किसानों की नींद उड़ गई है. दरअसल यह समस्या जिले में हो रहे डिजिटल क्रॉप सर्वे के दौरान अक्षांश और देशांतर लिखने में गड़बड़ी की वजह से हुई है. सर्वे कर रहे कर्मचारियों की इस एक गड़बड़ी की वजह से किसानों के माथे पर पसीना आ गया है.
जानकारी के मुताबिक जिले में भूमि संरक्षण विभाग की ओर से डिजिटल सर्वे कराया जा रहा है और इसका डाटा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस दौरान कर्मचारियों ने अक्षांश और देशांतर लिखने में गड़बड़ी कर दी. इसकी वजह से किसानों की जमीन मूल स्थान के बजाय हिंद महासागर में नजर आ रही है. लगातार सामने आ रही शिकायतों को देखते हुए अब कृषि विभाग और राजस्व विभाग आमने सामने आ गए हैं और दोनों विभागों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है.
जल्दबाजी में कर्मचारियों ने की बड़ी गड़बड़ी
कृषि विभाग ने इस गलती के लिए राजस्व विभाग को जिम्मेदार बताया है. बताया कि इस गलती में सुधार के लिए जमीन का लेखा-जोखा राजस्व विभाग को वापस भेजा जा रहा है. बताया जा रहा है कि जमीन सर्वे के साथ-साथ ही डिजिटल क्रॉप सर्वे भी कराया जा रहा है. इसका उद्देश्य किसानों की जमीन के बारे में वैज्ञानिक डाटा इकट्ठा करना है. कृषि विभाग को इस महीने की 31 तारीख तक 10 लाख प्लॉट की डिटेल सर्वे रिपोर्ट तैयार करना है.
किसानों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा
इस हड़बड़ी में कर्मचारियों ने गड़बड़ी कर दी है. इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. जिला कृषि अधिकारी शत्रुघ्न साहू के मुताबिक यह सर्वे ऐप के माध्यम से हो रहा है. इसमें कई प्लॉट सही जगह पर नहीं दिखाई दे रहे हैं. जिन प्लॉटों में गड़बड़ी सामने आई है, उसे दुरुस्त करने के लिए डिटेल राजस्व विभाग को भेजा गया है. जल्द ही इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.