Left Banner
Right Banner

भ्रष्टाचार का गजब खेल: मौत के बाद भी अदृश्य महिला कर रही मनरेगा में काम, पैसे भी ले रही!

मध्य प्रदेश: श्योपुर जिले के विजयपुर ब्लॉक के खितरपाल ग्राम पंचायत में अजब गजब चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां भ्रष्टाचार का खेल देखने को मिला. श्योपुर जिले में ओमबती पत्नी दिनेश जाटव की 13 जुलाई 2025 में मौत हो चुकी है, लेकिन आज भी वह जीवित है. न सिर्फ जीवित है बल्कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार एक्ट के तहत काम भी कर रही है और उनके काम का भुगतान भी हो रहा है.

उनकी मौत के बाद उन्हें धरातल पर किसी ने देखा नहीं, लेकिन मौत के बाद भी इसी धरातल पर अदृश्य होकर वह मनरेगा के तहत तालाब खुदाई से लेकर अन्य कार्य में अपना योगदान दे रही है. बता दें कि खितरपाल ग्राम पंचायत में मस्टररोल में मुर्दों के नाम भी भरकर उन्हें मजदूरी करते हुए दिखाकर उनके नाम का पैसा हड़पा जा रहा है.

बता दें कि खितरपाल गांव श्योपुर जिले की सीमा से जुड़ा हुआ है, जो जिले का ही गांव है.श्योपुर जिले की ग्राम पंचायत होने के कारण अधिकारी इस गांव तक सरकारी योजनाओं का निरीक्षण करने नहीं पहुंचते हैं. यही वजह है कि सरपंच और सचिव मिलकर मनमानी करते हैं. वैसे भी यहां मजदूरों की बजाय अधिकतर काम मशीन के जरिए कराए जाते हैं और बहुत से ऐसे कार्य हैं जो कराए ही नहीं गए लेकिन उक्त कामों को पूर्ण दिखाकर मजदूरी का पैसा निकाल लिया गया है.

मर चुकी महिला के नाम पंचायत के जिम्मेदारों में निकाला पैसा 

इसका कुछ जीता-जागता प्रमाण भी हैं. जैसे ओमबत पत्नी दिनेश जाटव निवासी खितरपाल की मृत्यु 13 जुलाई 2025 को हो गई थी. मृत्यु होने के बाद भी ओमबती जाटव जॉब कार्ड धारक हैं. उनका जॉब कार्ड संख्या 261- B है. मृतक ओमबती जाटव अपने जॉब कार्ड संख्या 261- B में मनरेगा के कार्यों में मजदूरी कर रही हैं, जिनके नाम से लगातार मजदूरी का पैसा निकाला जा रहा है

सरपंच सचिव रोजगार सहायक ने एक साथ मिलकर किया बड़ा घोटाला

खितरपाल ग्राम पंचायत के सरपंच श्रीलाल है वहीं रोजगार सहायक मनोज धाकड़ हैं, मनरेगा ,पीएम आवास योजना जैसे महत्वपूर्ण कार्य रोजगार सहायक, सचिव व सरपंच की भूमिका से होता है, ये गाँव के मजदूरों से मिलकर फर्जी मस्टररोल भर देते है, मजदूरों के ATM, पासबुक सरपंच ,सचिवों के पास होते है. मजदूरों को कागजों में कराई गई मजदूरी का 10% देकर उनके खाते इस्तेमाल कर रहें है. शेष 90% राशी में सरपंच, सचिव व रोजगार सचिव का हिस्सा होता है.

शिकायतकर्ता उप सरपंच विजयलक्ष्मी शर्मा ने बताया कि खाते में पंचायत से पैसे जरूर आते है लेकिन कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता, गाँव के ज्यादातर लोग अनपढ़ के है जो पढ़े लिखे नहीं है, जिसका फायदा सरपंच, रोजगार सचिव व सचिव उठा लेते है और मिलकर सरकारी राशि का घोटाला कर देते हैं.

वहीं, सचिव, सरपंच और रोजगार सेवक सहित ब्लाक के अधिकारियों के संरक्षण में घोटाले का सिंडिकेट चलता रहा है. मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना के जरिए अधिकारी घोटाला करते रहे हैं. यह मामला एक गांव का नहीं है यदि मामले में निष्पक्ष जांच हो तो जिले भर में सैकड़ों गांव में भ्रष्टाचार और घोटाले का पर्दाफाश आसानी से हो सकेगा.

महिला उपसरपंच ने की अपराध दर्ज कराने की मांग

फर्जीवाड़ा किए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है. इन्होंने जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है साथ ही उप सरपंच विजयलक्ष्मी शर्मा ने इनके खिलाफ थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की भी मांग की है. वहीं इस पूरे मामले में विजयपुर जनपद पंचायत सीईओ ऑफिसर गुर्जर ने कहा कि जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी.

नवागत जिला पंचायत सीईओ बोली जांच के निर्देश दे दिए गए हैं 

श्योपुर नवागत जिला पंचायत सीईओ सौम्या आनंद ने बताया कि आपके माध्यम से जानकारी मिली है. संबंधित अधिकारी को जांच के निर्देश दे दिए गए हैं. निष्पक्ष जांच कर एक्शन लिया जाएगा.

Advertisements
Advertisement