गजब की यूनिवर्सिटी! फर्स्ट ईयर में दिया एडमिशन, सेकेंड ईयर में कर दी कॉलेज में सब्जेक्ट्स की मान्यता खत्म… मच गया बवाल

गाजीपुर में सैनिकों का गांव नाम से विख्यात गहमर के पीजी कॉलेज के छात्रों का ने कॉलेज में हंगामा किया और स्टाफ-टीचरों को बाहर निकालकर ताला डाल दिया. हुआ यूं कि पिछले साल कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस और होम साइंस में छात्रों को एडमिशन दिया गया. छात्रों ने एक साल इन विषयों की पढ़ाई भी कर ली. लेकिन, जब बात उनके सेकेंडियर में आने की हुई तो छात्रों से दूसरे कॉलेज में एडमिशन लेने की बात कही गई. जब जानकारी ली गई तो पता चला कि कॉलेज में इन दोनों विषयों की मान्यता खत्म हो चुकी है. इतना ही नहीं कॉलेज की ओर से छात्रों को कोई दूसरा ऑप्शन भी नहीं दिया जा रहा जिससे उनकी पूरी एक साल मेहनत खराब होने को है.

गांव में उच्च शिक्षा को लेकर सालों पहले राम रहीम पीजी कॉलेज की स्थापना की गई थी. इस पीजी कॉलेज में गहमर और आसपास के गांव के छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं. पिछले साल यहां पर फर्स्ट ईयर में पॉलिटिकल साइंस और होम साइंस में एडमिशन लिया गया था. जो कि पूरे साल ठीक चलता रहा. हालांकि इस दौरान कुछ टीचरों की कमी रही फिर भी छात्र अपनी पढ़ाई करते रहे. लेकिन इस बार जब सेकंड ईयर में एडमिशन कराने छात्र कॉलेज पहुंचे तब कॉलेज प्रशासन ने उनसे कहा कि पॉलिटिकल साइंस और होम साइंस में एडमिशन नहीं लिया जा सकता है. कॉलेज ने छात्रों को बताया कि इन दोनों विषयों की मान्यता पूर्वांचल विश्वविद्यालय की तरफ से निरस्त कर दी गई है. जिससे अब इन विषयों में यहां पर दाखिला नहीं हो पाएगा. इसके पीछे पीजी कॉलेज प्रशासन अध्यापकों की कमी होना भी बता रहा है.

अभी तक नहीं निकला कोई हल

ऐसे में अब छात्रों के साथ एक बड़ी समस्या आ गई कि जब फर्स्ट ईयर की पढ़ाई इस पीजी कॉलेज में किए हैं तो सेकंड ईयर का एडमिशन दूसरे विद्यालय में कैसे होगा. यह एक बड़ा सवाल है जिसको लेकर पिछले कई दिनों से छात्र-छात्राएं पीजी कॉलेज प्रशासन से लगातार बातचीत करते आ रहे हैं लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला. इसके बाद ही सोमवार को छात्र-छात्राओं ने कड़ा कदम उठाते हुए पीजी कॉलेज में कार्यरत सभी स्टाफ और टीचरों को पीजी कॉलेज से बाहर कर पीजी कॉलेज के गेट में ताला मार दिया.

धरना प्रदर्शन की जानकारी होने पर स्थानीय थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई लेकिन पीजी कॉलेज की तरफ से कोई सकारात्मक जवाब नहीं देने पर छात्र-छात्राए देर शाम तक धरने पर बैठे रहे. कॉलेज का समय खत्म होने के बाद अपने-अपने घर को चले गए.

स्पष्ट जवाब देने से बचे प्रिंसिपल

इस संबंध में प्राचार्य डॉक्टर देव कुमार ने बताया कि इस प्रकरण को लेकर रजिस्ट्रार और सचिव को पत्र भेजा जा चुका है. दोनों विषयों की मान्यता रद्द होने के बारे में उन्होंने कहा कि इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस दौरान उन्होंने कहा कि टीचर की कोई कमी नहीं है. लेकिन, जब मान्यता ही नहीं रहेगी तो टीचर कैसे रहेंगे. लेकिन जब उनसे पिछले साल पॉलिटिकल साइंस, होम साइंस में छात्रों के एडमिशन के सवाल पर बात की गई तो उनका कहना था कि पिछले साल पूर्वांचल विश्वविद्यालय चला रहा था और इस बार शासन चला रहा है.

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