ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन के पूर्व कर्मचारियों ने कन्वेयंस के पैसे वापस पाने के लिए फर्जी ट्रिप बनाकर कंपनी को चूना लगाने का मामला सामने आया है. अमेजन ने मामले को लेकर साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई है. अधिकारियों ने 22 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
कंपनी ने आरोप लगाया है कि हैदराबाद ऑफिस के कुछ पूर्व कॉल सेंटर कर्मचारियों ने अमेरिकी सप्लायरों के साथ मिलकर कंपनी को 102 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान पहुंचाया है. इस योजना में डिलीवरी के प्रयासों में हेराफेरी करना और बिना डिलीवर किए गए पैकेजों के लिए परिवहन लागत का दावा करना शामिल था. अमेजन के प्रतिनिधि जीएस अर्जुन कुमार के अनुसार, धोखाधड़ी हैदराबाद में स्थित अमेजन का गच्चिबावली कॉल सेंटर, जिसे ‘रिले ऑपरेशन सेंटर’ कहा जाता है, वहां केंद्रित थी. यह मामला कंपनी के आंतरिक ऑडिट में पकड़ा गया.
आरोप है कि, धोखाखड़ी में पूर्व कर्मचारी संयुक्त राज्य अमेरिका में डिलीवरी एजेंटों के साथ सहयोग कर रहे थे. कंपनी ने साइबर सुरक्षा ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई है और अधिकारियों ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
हैदराबाद में Amazon का रिले ऑपरेशन सेंटर दुनिया भर में डिलीवरी की देखरेख करता है. पैकेजों की निगरानी GPS के जरिए की जाती है, जब तक वे गोदाम से निकलते हैं और ग्राहक तक नहीं पहुंचते. डिलीवरी ऑपरेशन को तीसरे पक्ष के विक्रेताओं को ठेके पर दिया जाता है, जिसमें Amazon यात्रा की गई दूरी के आधार पर परिवहन लागत की रीइंबर्समेंट करता है. भले ही डिलीवरी के दौरान ग्राहक दिए गए पते पर उपलब्ध न हो.
पूर्व कर्मचारियों ने मौजूदा कर्मचारियों और यूएस आधारित कर्मियों के साथ मिलकर इस सिस्टम का फायदा उठाया और फर्जी यात्राएं दर्ज कीं. जिसमें गलत तरीके से नॉन डिलीवरी के रूप में चिह्नित पैकेजों पर परिवहन लागत की प्रतिपूर्ति (Reimbursement) का दावा किया गया और कंपनी से 102 करोड़ की ठगी की गई. साइबर सुरक्षा ब्यूरो ने मामले का संज्ञान लिया है और घोटाले से जुड़े सभी व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच कर रहा है.