एंबुलेंस पहुंची लेकिन जिंदगी चली गई: बस्तर में हुआ कुछ ऐसा रो पड़े लोग

दंतेवाड़ा: नक्सलगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है. दूर दराज के इलाकों में जंगल और पहाड़ के चलते गांव गांव तक एंबुलेंस सेवा नहीं पहुंच पाती है. जिला अस्पताल तक मरीजों को पहुंचाना बारिश के मौसम में जंग जीतने से कम नहीं है. शनिवार को भी एक बीमार बुजुर्ग महिला को परिजन किसी तरह से लादकर एंबुलेंस तक ले गए. दुर्भाग्य रहा कि मरीज की जान नहीं बच पाई. अगर समय रहते मरीज को इलाज मिल जाता तो जान बच सकती थी.

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महिला मरीज की मौत: परिजनों का कहना था कि उनके गांव की कच्ची सड़क बारिश से बद से बदतर हालत में है. पक्की सड़क नहीं होने के चलते वो महिला को जल्दी एंबुलेंस तक नहीं पहुंचा पाए. नतीजा ये रहा कि महिला मरीज की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले हो गई. महिला मरीज की तबीयत करीब एक हफ्ते से खराब थी. तबीयत में जब सुधार नहीं हुआ तो परिजनों ने मरीज को अस्पताल ले जाने की तैयारी की.

स्वास्थ्य सेवाओं में सड़क बड़ी बाधा: 108 संजीवनी एंबुलेंस सेवा को फोन कर बुलाया गया. चूंकि गांव की सड़क जर्जर और बारिश में कीचड़ से सन गई थी. ऐसे में एंबुलेंस मरीज के गांव तक नहीं पहुंच पाई. नतीजा ये हुआ कि महिला मरीज को एंबुलेंस तक पहुंचने के लिए 20 किमी का सफर परिजनों के साथ पैदल तय करना पड़ा. मरीज की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई. मरीज अस्पताल पहुंच पाती उससे पहले ही उसका दम टूट गया.

कई गांवों तक नहीं पहुंची पक्की सड़क: परिजनों का कहना है कि अगर गांव तक पक्की सड़क बन जाए तो किसी भी मरीज की इस तरह से जान नहीं जाएगी. जिस महिला मरीज की मौत हुुई उसके परिजनों ने कहा कि हमारे गांव में सड़क नहीं है. जब भी कोई बीमार होता है तो उसे अस्पताल पहुंचाना हमारे लिए बड़ी समस्या बन जाता है. मृतक मरीज के परिजनों ने कहा कि आज भी हमने मरीज के के लिए ईएमटी रेशमा कड़ियां और पायलट अशोक सिंह ठाकुर को आने के लिए कहा. 108 की टीम ने बिना देरी किए हम तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन सड़क ठीक नहीं होने के चलते हमें पैदल मरीज को एंबुलेंस तक लेकर जाना पड़ा.

बस्तर के लोगों की रही है मांग

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाए.

गांव गांव तक सड़क बने.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की संख्या बढ़े.

समय पर 108 सेवा मिले.

एंबुलेंस में मेडिकल टीम रहे.

गांव गांव में एएनएम की सुविधा हो.

बारिश और बीमारियों के मौसम में हेल्थ कैंप लगाए जाएं.

गांव में पीने का साफ पानी सबको मिले.

गांव में बुनियादी सुविधाओं का इजाफा हो.

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