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बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए एक्टिव हुआ अमेरिका, अब क्या करेगी यूनुस सरकार?

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोत्तरी देखने मिली है. भारत शुरुआत से ही बांग्लादेश के बदलते हालातों पर चिंता जताता आया है. अब अमेरिका ने भी इसको लेकर चिंता जताई है, अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम चाहते हैं कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा की जाए, खासकर जब हिंदू दुर्गा पूजा जैसा बड़ा त्योहार मना रहे हो.

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मिलर ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा दुनिया भर में जरूरी है.” पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली की मीटिंग के दौरान बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद आई तस्वीरों और दोनों देशों की प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि अमेरिका और बांग्लादेश अपने रिश्ते मजबूत कर रहे हैं. अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर अमेरिका की चिंता भी इसी कड़ी का एक हिस्सा मानी जा रही है.

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा

हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश का अल्पसंख्यक समुदाय धार्मिक कट्टरपंथियों से बढ़ते खतरे का सामना कर रहा है. अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से बांग्लादेश की स्थिति बिगड़ती जा रही है. देश में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद कई जगह धार्मिक हिंसा देखने मिली थी. अमेरिका का ये बयान हिदू धर्म के बड़े त्योहार दुर्गा पूजा के मद्देनजर आया है.

सरकार के पतन के बाद हिंसा

UN की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद हुई हिंसा में 600 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, इनमें अल्पसंख्यक भी शामिल हैं. देश के ये हालात देश के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिसके चलते अमेरिका और भारत दोनों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से कदम उठाने का आग्रह किया है.

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