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सीजफायर का श्रेय तो लिया, लेकिन पाकिस्तान पर चुप रहा अमेरिका

भारत और पाकिस्तान में 4 दिन चले तनाव के बाद अमेरिका की मध्यस्थता से ये सीजफायर हुआ है. इस सीजफायर के बाद से ही अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार इसका क्रेडिट लेने में लगे हैं. अब व्हाइट हाउस ने दोनों देशों द्वारा सीजफायर करने की सराहना की है. अमेरिकी विदेश विभाग के मुख्य उप प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने मंगलवार को शांति का रास्ता चुनने के लिए भारत और पाकिस्तान के कदम का स्वागत किया. लेकिन जब उनसे पाकिस्तान के आतंक पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ जवाब नहीं दिया.

उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीधे बातचीत के महत्व पर जोर दिया. जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका को पाकिस्तान से उसके आतंकी ढांचे को खत्म करने या आतंकी समूहों को समर्थन बंद करने के बारे में कोई आश्वासन या प्रतिबद्धता मिली है, तो पिगॉट ने कहा, “मैं सिर्फ इतना ही दोहरा सकता हूं कि हम इस हफ्ते भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम का स्वागत करते हैं. हम दोनों प्रधानमंत्रियों की शांति का रास्ता चुनने के लिए सराहना करते हैं. हम दोनों पक्षों के बीच सीधे संवाद को भी प्रोत्साहित करना चाहते हैं.”

ट्रंप ने फिर की खुद की तारीफ

ट्रंप ने अपने सऊदी दौरे पर फिर दोहराया कि उन्होंने व्यापार धमकी देकर दोनों देशों का सीजफायर कराया. द्विपक्षीय यात्रा पर सऊदी अरब गए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें शांति निर्माता बनने की उम्मीद है, क्योंकि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन के दौरान सीरिया के खिलाफ लंबे समय से लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने की ऐलान किया.

ट्रंप के दावे को भारत ने किया खारिज

वहीं ट्रंप के इस दावे को भारत ने खारिज कर दिया कि सीजफायर के लिए कोई व्यापारिक दबाव बनाया गया. फिर ट्रंप अपने आपको शांति का दूत बता, क्रेडिट-क्रेडिट खेल रहे हैं.

आतंक के ठिकानों किया तबाह

वहीं भारत ने पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर कर पाकिस्तान के आतंकियों की कमर तोड़ दी है. भारत ने इस ऑपरेशन में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और लगभग 100 आतंकवादियों को मौत की नींद सुला दिया.

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