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‘अमेरिका तब तक संतुष्ट नहीं होगा, जब तक…’, पन्नू के मर्डर प्लॉट के आरोपों पर बोला US

अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की असफल साजिश रचने को लेकर RAW के एक पूर्व अधिकारी पर आरोप लगाए हैं. इस मामले पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि पिछले हफ्ते इस मामले पर भारत के साथ चर्चा हुई. इस संबंध में दोनों सराकरों ने जानकारी साझा की. हम समझते हैं कि भारत की जांच समिति इसकी जांच करेगी. उन्होंने कहा कि जब तक इस जांच के बाद जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की जाएगी, तब तक अमेरिका संतुष्ट नहीं होगा.

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पन्नू की हत्या की साजिश का मामला क्या?

दरअसल, पिछले साल नवंबर में फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि अमेरिकी सरजमीं पर पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी, जिसे नाकाम कर दिया गया था. पन्नू अमेरिकी नागरिक है और भारत ने उसे आतंकी घोषित कर रखा है.

इसके बाद अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने इस मामले को लेकर न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक अभियोग भी दायर किया था. इसमें निखिल गुप्ता नाम के भारतीय नागरिक और अज्ञात भारतीय सरकारी अधिकारी पर पन्नू की हत्या करने की प्लानिंग करने का आरोप लगाया गया था. निखिल गुप्ता को पिछले साल जून में चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया था और उसे इसी साल प्रत्यर्पण कर अमेरिका लाया गया है. निखिल गुप्ता अभी अमेरिका की जेल में बंद है.

दायर अभियोग के मुताबिक, एक भारतीय सरकारी अधिकारी ने गुप्ता को पन्नू की हत्या के लिए हायर किया था. गुप्ता ने इस हत्या के लिए एक हिटमैन (सुपारी किलर) हायर किया, लेकिन असल में ये अमेरिकी सरकार का खुफिया एजेंट था. खुफिया एजेंट को ही हिटमैन मानते हुए उसे ‘टारगेट’ की हत्या के लिए एक लाख डॉलर (83 लाख रुपये) की सुपारी दी गई. उसे मैनहट्टन में 15 हजार डॉलर एडवांस में दे भी दिए गए.

भारत ने अब तक क्या-क्या किया?

पिछले साल जब अमेरिका की तरफ से भारत पर पन्नू की हत्या की साजिश रचने का इल्जाम लगाया था तो इसकी जांच के लिए एक हाईलेवल कमेटी बनाई गई थी. कमेटी की जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि जो लोग पन्नू की हत्या साजिश रच रहे थे, उनका भारत सरकार से कोई लेना-देना नहीं था.

कौन है ये पन्नू?

गुरपतवंत सिंह पन्नू. पंजाब में पैदा हुआ. पढ़ाई भी यहीं से की. अभी विदेश में है. कभी कनाडा तो कभी अमेरिका में रहता है. उसके पास इन दोनों देशों की नागरिकता है. बाहर से ही भारत में आतंकी हमले करने की धमकी देता है.

भारत के एक डोजियर के मुताबिक, 1947 में बंटवारे के बाद पन्नू का परिवार पाकिस्तान से अमृतसर के खानकोट गांव आ गया था. पन्नू का जन्म 14 फरवरी 1967 को हुआ था. पन्नू के पिता पंजाब में एक कंपनी में काम करते थे. उसका एक भाई भी है, जो विदेश में ही रहता है. उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है.

पन्नू ने चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की है. वो अमेरिका में अभी वकालत कर रहा है. पन्नू ने साल 2007 में ‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन बनाया था. जुलाई 2020 में भारत ने पन्नू को आतंकी घोषित किया था. पन्नू आईएसआई की मदद से खालिस्तान की मुहिम चला रहा है.

डोजियर से पता चलता है कि पन्नू सिर्फ खालिस्तान ही नहीं बनाना चाहता है, बल्कि वो उर्दूस्तान बनाने की ख्वाहिश भी रखता है. पन्नू भारत को अलग-अलग टुकड़ों में बांटकर कई देश बनाना चाहता है. वो धार्मिक आधार पर बंटवारा करना चाहता है. पन्नू मुसलमानों को बहला-फुसलाकर एक मुस्लिम देश बनाना चाहता है, जिसका नाम वो ‘डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ उर्दूस्तान’ रखना चाहता है. इसके अलावा वो कश्मीर के लोगों को भी भड़का रहा है ताकि कश्मीर को भारत से अलग किया जा सके.

सिख फॉर जस्टिस संगठन का मुखिया पन्नू भारत का वांटेड आतंकी है. पूरे देशभर में उसके खिलाफ 16 केस दर्ज हैं. दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में खालिस्तानी मूवमेंट को लेकर उस पर ये केस दर्ज किए गए हैं.

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