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भारत की 297 बहुमूल्य कलाकृतियों को वापस करेगा अमेरिका, तस्करी के जरिए गए थे विदेश

सांस्कृतिक संपत्तियों की अवैध तस्करी एक पुराना मुद्दा रहा है जिसने पूरे इतिहास में कई संस्कृतियों और देशों को प्रभावित किया है. भारत इस मुद्दे से विशेष रूप से प्रभावित हुआ है और बड़ी संख्या में पुरातन पुरावशेषों या कलाकृतियों की देश से बाहर तस्करी की गई है. पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान 297 पुरावशेष भारत को सौंपे गए हैं. ये पुरातात्विक कलाकृतियां अवैध तस्करी के माध्यम से अमेरिका पहुंच गई थीं.

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इस तरह 2014 से अब तक भारत द्वारा बरामद की गई कुल प्राचीन वस्तुओं की संख्या 640 हो गई है. अकेले अमेरिका से वापस की गई कुल पुरातात्विक अवशेषों की संख्या 578 हो गई है. वर्तमान यात्रा के अलावा, पीएम मोदी की अमेरिका की पिछली यात्राएं भी भारत को पुरावशेषों की वापसी के मामले में विशेष रूप से सफल रही हैं.

2004-2013 के बीच केवल एक ही कलाकृति आ सकी थी वापस

2021 में पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान, अमेरिकी सरकार द्वारा 157 पुरावशेष सौंपे गए, जिनमें 12वीं शताब्दी की उत्कृष्ट कांस्य नटराज प्रतिमा भी शामिल है. इसके अलावा, 2023 में पीएम की अमेरिकी यात्रा के कुछ दिनों बाद 105 पुरावशेष भारत को लौटा दिए गए थे.

केवल अमेरिका ही नहीं बल्कि विश्व के अन्य देशों से भी भारत के कई पुरातन अवशेष बरामद हुए, जिन्हें भारत को सौंपता गया. इनमें 16 कलाकृतियां ब्रिटेन से, 40 ऑस्ट्रेलिया से और अन्य जगहों से वापस की गई हैं. इसके विपरीत, 2004-2013 के बीच भारत को केवल एक कलाकृति वापस की गई थी.

हुआ था सांस्कृति संपत्ति समझौता

इसके अलावा, जुलाई 2024 में, नई दिल्ली में 46वीं विश्व धरोहर समिति के अवसर पर, भारत और अमेरिका ने पुरावशेषों की अवैध तस्करी को रोकने और उस पर अंकुश लगाने के लिए पहले ‘सांस्कृतिक संपत्ति समझौते’ पर हस्ताक्षर किए थे.

पिछले दस वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में शानदार सफलता मिली. यह भारत के चुराए गए खजाने को वापस पाने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के सरकार के संकल्प को दर्शाती है. वैश्विक नेताओं के साथ पीएम मोदी के व्यक्तिगत संबंधों ने इन वापसी को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

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