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अमेठी : 10 महीने पहले प्रशासन ने गिरवाया प्रधानमंत्री आवास, पीड़ित ने लेखपाल पर लगाया घूस मांगने का आरोप…

अमेठी : अमेठी में 10 महीने पहले प्रशासन द्वारा गिरवाया गया प्रधानमंत्री आवास का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया.एक युवक आज हाथों में तख्ती बैनर लेकर अमेठी तहसील पहुंचा और लेखपाल पर घूस देने पर मकान गिरवाने का आरोप लगाया.पीड़ित का आरोप था कि वह 10 महीने से अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है लेकिन आज तक उसकी सुनवाई नहीं हुई.

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दरअसल यह पूरा मामला अमेठी तहसील के खाजा गांव का है जहां के रहने वाला रंजीत पाल पुत्र महंत रामपाल आज हाथों में तख्ती बैनर लेकर तहसील पहुंचा और जोर-जोर से चिल्लाने लगा। युवक के जोर जोर से चिल्लाने की आवाज सुनकर तहसील परिसर में भारी भीड़ जमा हो गई.युवक ने आरोप लगाया कि गांव के लेखपाल ने घूस न देने के कारण गलत रिपोर्ट लगा दी जिस कारण प्रशासन द्वारा उसके प्रधानमंत्री आवास को गिरवा दिया गया.प्रधानमंत्री आवास गिरवाये जाने के बाद युवक लगातार अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है बावजूद उसके उसको कहीं से मदद नहीं मिल रही है.

प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये से नाराज होकर आज पीड़ित रंजीत पाल अमेठी तहसील पहुंचा और जोर-जोर से चिल्लाने लगा रंजीत पाल ने आरोपियों पर कार्यवाही की मांग की है।रंजीत का कहना था कि बंजर आबादी के रूप में परिवर्तित स्थल है जिसमे 25 से 30 लोगों के परिवार रह रहे है।कानून भू राजस्व संहिता के आधार पर एसडीएम अमेठी को ये अधिकार है कि गरीब लोगों की स्थलीय रिपोर्ट लेकर श्रेणी 6 बंजर आबादी करे लेकिन तहसील प्रसाशन ने पीड़ित की निर्मित कालोनी को गिराया है.

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