अमेठी: आवारा जानवरों के साथ नीलगाय बने आतंक का पर्याय, झुंड के झुंड नीलगाय किसानों की फसलों को कर रही हैं चौपट

Uttar Pradesh: अमेठी में आवारा जानवरो के साथ नीलगाय भी आतंक का पर्याय बने हुए है. झुंड के झुंड आवारा जानवर जहाँ राहगीरो को नुकसान पहुँचा रहे है तो वही नीलगाय किसानों की फसल को भी चौपट कर जा रहे है. नीलगायों से सबसे ज्यादा परेशान ग्रामीण इलाकों के किसान परेशान है. किसानो में अमेठी प्रसाशन से आवारा जानवरो के साथ ही नीलगायों के आतंक से भी छुटकारा दिलाने की मांग की है.

दरअसल इस समय अमेठी में किसान फसलो को लगाने में जुटे है तो वही आवारा जानवर किसानो की मेहनत पर पानी फेरने में जुटे हुए है, आवारा जानवरों से परेशान किसानों की मुसीबत को झुंड के झुंड नीलगाय दोगुनी कर दे रहे है. किसी भी खेत मे एक साथ दर्जनों नीलगाय घुसकर किसानों की पूरी फसल को चौपट कर जा रहे है. किसानो की फसलों का यही हाल आवारा जानवर भी कर रहे है. किसान लगातार प्रसाशन से आवारा जानवरो ने निजात दिलाने की मांग कर रहे है. सबसे ज्यादा नील गायो का आतंक सुददुर ग्रामीण इलाकों का है. जिले के धौराहरा,ताला समेत दर्जनों गांवों में नील गायों का आतंक बरकरार है.बड़ी संख्या में नीलगाय किसानो की फसल को चौपट कर रहे है.

झुंड के झुंड नीलगाय किसानो की फसलों को चट कर जा रहे है लेकिन उनकी दहशत से किसान उन्हें भगाने का प्रयास भी नही कर पा रहे है, क्योंकि कब नीलगाय किसानों पर हमला कर दे ये कोई नही जानता है.

Advertisements
Advertisement