भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया जैसे प्रमुख अस्पतालों में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दी हैं. साथ ही इन अस्पतालों में आपातकालीन प्रोटोकॉल सक्रिय कर दिए गए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को देशभर के अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा की और निर्देश दिया कि सभी मेडिकल इमरजेंसी रेस्पॉन्स सिस्टम पूरी तरह से क्रियाशील रहनी चाहिए. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सभी प्रकार की छुट्टी कैंसिल कर दी गई हैं. जिसमें स्टेशन छुट्टी भी शामिल हैं, केवल चिकित्सीय कारणों पर ही छुट्टी दी जाएगी. पहले से स्वीकृत छुट्टियां रद्द मानी जाएंगी और जो अधिकारी पहले से छुट्टी पर हैं, उन्हें तुरंत ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया जाता है. इसके बाद AIIMS ट्रॉमा सेंटर, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया अस्पताल की प्रशासनिक इकाइयों ने भी यही आदेश जारी किए.
एम्स ट्रॉमा सेंटर की प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा ने बताया कि अस्पताल में बर्न, गोली लगने, सिर, गर्दन, रीढ़ और सीने की चोटों से पीड़ित रोगियों के इलाज की संपूर्ण व्यवस्था की जा चुकी है. जरूरत पड़ने पर मुख्य एम्स से डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ ट्रॉमा सेंटर में तैनात किए जा सकते हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सफदरजंग अस्पताल में एक हाईलेवल बैठक में निर्णय लिया गया कि आपातकाल की स्थिति में न्यू इमरजेंसी ब्लॉक के मरीजों को सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक में शिफ्ट किया जा सकता है. ब्लड बैंक और इमरजेंसी यूनिट्स में स्टाफ और संसाधनों को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय की समीक्षा बैठक में सभी सीमा राज्यों के साथ संपर्क और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा सके. साथ ही, मंत्रालय के 24×7 कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को राज्य सरकारों को जरूरी सहायता देने और निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है.