भारत-पाक तनाव के बीच सरकार को मिली बड़ी खुशखबरी! 10 महीनों के हाई पर पहुंचा ये सेक्टर

भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अप्रैल 2025 में नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है. पिछले 10 महीनों में ये सबसे तेज गति से आगे बढ़ा है. HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI के मुताबिक, अप्रैल में इस सेक्टर में दमदार उछाल देखने को मिला है. ये मार्च में 58.1 से बढ़कर अप्रैल में 58.2 पर आ गया है.

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HSBC डेटा के मुताबिक, मार्च के मुकाबले PMI अप्रैल में बढ़ा है, हालांकि ये प्रारंभिक अनुमान 58.4 से थोड़ा कम है. PMI का 50 से ऊपर होना खुद ब खुद सेक्टर में बढ़ोतरी का संकेत देता है. अप्रैल के महीने में नए निर्यात ऑर्डर में जबरजस्त उछाल देखने को मिला है. जो पिछले 14 साल में दूसरी सबसे तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इससे पहले जनवरी में इसका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा था.

कंज्यूमर गुड्स सेक्टर में ज्यादा बढ़ोतरी

रिपोर्ट के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट जून 2024 में सबसे तेज गति से बढ़ा था. इसमें कंज्यूमर गुड्स सेक्टर में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं नए ऑर्डर भी मार्च के आठ महीने के उच्च स्तर के करीब रहे हैं. मांग में मजबूती के कारण कंपनियों ने अपनी बिक्री कीमतों में अक्टूबर 2013 के बाद से ही सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की है. अगर प्रोडक्शन बढ़ता है और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बढ़ोतरी होती है तो इसके चलते नौकरियों में भी मौके तेजी से बनेंगे.

कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी

कंपनियां भी मार्च की तुलना में स्थायी और अस्थायी दोनों तरह के नौकरी को ऑफर किए हैं. कंपनियों ने तेजी से नौकरियां निकाली है. वहीं कीमतों की बात करें तो कीमत के मोर्चे पर, भारतीय प्रोडक्ट की मजबूत मांग ने कंपनियों की मूल्य निर्धारण करने की पावर को बढ़ा दिया है. जिससे बिक्री शुल्क अक्टूबर 2013 के बाद सबसे ज्यादा बढ़ गया है. यह कच्चे माल की लागत में मामूली बढ़ोतरी के बावजूद था.

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