भारत और ब्रिटेन ने मंगलवार को लंबे समय से प्रतीक्षित और ऐतिहासिक व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता उस समय हुआ है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ चेतावनियों के बीच दोनों देश इस डील को लेकर बातचीत कर रहे थे. यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद की गई.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस समझौते को ‘ऐतिहासिक मील का पत्थर’ बताते हुए कहा कि यह कदम भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गहराई देगा तथा व्यापार, निवेश, आर्थिक वृद्धि, रोजगार के अवसर पैदा करने और इनोवेशन को प्रोत्साहन देगा.।इस समझौते के तहत व्हिस्की, एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग पार्ट्स और भेड़ का मीट, सैल्मन मछली, चॉकलेट और बिस्किट जैसे फूड प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम किया जाएगा. इसके अलावा, दोनों देशों के बीच ऑटोमोबाइल आयात के लिए कोटा व्यवस्था पर भी सहमति बनी है.
आर्थिक रिश्तों को मजबूती देंगे दोनों दे
एक आधिकारिक बयान में प्रधानमंत्री मोदी और कीर स्टार्मर ने भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन के सफल समापन का स्वागत किया. दोनों नेताओं ने कहा कि दुनिया की दो प्रमुख और खुले बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं के बीच हुए ये ऐतिहासिक समझौते व्यापार के नए अवसर खोलेंगे, आर्थिक रिश्तों को मजबूती देंगे और लोगों के बीच संबंधों को गहराएंगे.
सुरक्षित अर्थव्यवस्था के निर्माण का लक्ष्य
बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के साथ सहयोग को बढ़ाना और व्यापारिक बाधाओं को कम करना उनके बदलाव की योजना (Plan for Change) का हिस्सा है, जिससे एक मजबूत और सुरक्षित अर्थव्यवस्था का निर्माण किया जा सके.’
दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंध इस मजबूत और बहुपक्षीय साझेदारी की आधारशिला बने रहेंगे. FTA से दोनों देशों को वैश्विक बाजारों के लिए संयुक्त रूप से उत्पाद और सेवाएं विकसित करने की नई संभावनाएं मिलेंगी.