केंद्रीय मंत्री और राजकोट लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार पुरूषोत्तम रूपाला की क्षत्रिय समुदाय के खिलाफ टिप्पणी से राज्य भर के क्षत्रिय समुदाय में आक्रोश फैल गया है. रूपाला का टिकट रद्द करने के लिए राजपूत समाज ने राज्य भर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
क्षत्रिय समाज की महिलाओं से कहा जाता है कि अगर उन्हें जौहर करना है तो करें. तभी अमरेली के पूर्व विधायक और विपक्षी नेता परेश धनानी ने बिना नाम लिए ट्वीट कर रूपाला पर हमला बोला और कहा, ‘मेरी बहनों..तुम्हारे एड़ियों पर निशान लगाने वाले लोगों से लड़ने की जरूरत नहीं है’, ‘कई जवतलिया अभी भी जीवित हैं…’ ‘
अमरेली के पूर्व सांसद और विपक्ष के नेता परेश धनानी ने रूपाला का नाम लिए बिना ट्विटर पर एक व्यंग्यात्मक कविता लिखी. जिसमें धनानी ने लिखा है कि…
‘अहंकार हमेशा हारता है’ रोटी, बेटी, राज और धर्म के रक्षकों को प्रत्येक स्थायी पिंजरा पालने वाला देश ‘माँ शक्ति’ को प्रणाम.. देश की बेटियों के दामन पर दाग लगाने वाले इसके विपरीत ‘जौहर’ की कोई आवश्यकता नहीं होगी. ‘जावतलिया’ आज भी है जिंदा..!
इसके अलावा परेश धनानी ने सोशल मीडिया पर वायरल होकर कहा है कि इतिहास गवाह है कि घमंड हमेशा हारता है. इस देश में रोटी, बेटी, राज और धर्म की रक्षा करने वाले लोगों का पालन-पोषण करने वाली देश की सभी मातृशक्ति को हम नमन करते हैं. आज देश की बेटियों पर दाग लगाने वाले लोगों से देश की बेटियों की रक्षा का संकल्प लेना हम सभी के लिए कठिन है.
परेश धनानी ने आगे कहा कि, मेरी बहनों, आपको उन लोगों से लड़ने की जरूरत नहीं है जो आपकी गर्दन पर दाग लगाते हैं. आपके कई पूर्वज अभी भी जीवित हैं. आप मूर्ख नहीं बनेंगे मुझे पूरा विश्वास है. स्वाभिमान की इस लड़ाई में शक्ति की जीत होगी. आइये हम सब आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ने का संकल्प लें.
राजकोट में वाल्मिकी समाज के कार्यक्रम में पुरुषोत्तम रूपाला ने क्षत्रिय समुदाय और राजपरिवार की भावनाओं को आहत करने वाला सार्वजनिक बयान दिया, जिससे क्षत्रिय समुदाय में आक्रोश फैल गया. तो वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री और क्षत्रिय समुदाय के नेता भूपेन्द्र सिंह चुडासमा, मौजूदा राज्यसभा सांसद केसरीदेव सिंह के अलावा राजघरानों के अलावा कांग्रेस के महेश राजपूत ने नाराजगी जताई. जिसके बाद रूपाला ने एक वीडियो जारी कर क्षत्रिय समुदाय से माफ़ी मांगी और कहा कि मेरा इरादा अन्यजातियों के उत्पीड़न को चित्रित करना नहीं था, क्षत्रिय समुदाय या शाही परिवार की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था.
राजकोट लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार पुरूषोत्तम रूपाला ने वाल्मिकी समाज के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि जब अंग्रेज भारत में थे, तब उन पर अत्याचार होता था और महाराजा रोटी-बेटी का लेन-देन करते थे, लेकिन मेरे रूखी समाज ने न तो धर्म बदला और न ही लेन-देन किया. . 1000 वर्ष बाद राम भी इसीलिए आये हैं. वे तलवारों के आगे भी नहीं झुके. न वे डर से टूटे, न भूख से टूटे. ये सनातन धर्म के ये उत्तराधिकारी हैं जो दृढ़ बने हुए हैं और मुझे इस पर गर्व है.
जिसके बाद पुरूषोत्तम रूपाला ने एक वीडियो जारी कर क्षत्रिय समाज से माफी मांगते हुए कहा, ”मैंने राजकोट में वाल्मिकी समाज के कार्यक्रम में भाषण दिया था. जिसका वीडियो वायरल हो गया है. वीडियो को लेकर क्षत्रिय समाज ने आक्रोश जताया है. जिसमें मुझे भूपेन्द्रसिंह चुडासमा, राज्यसभा सांसद केसरीदेवसिंहजी – वांकानेर राज्य, राजकोट राजवी मांधातासिंह जाडेजा सहित क्षत्रिय समुदाय के नेताओं की प्रतिक्रियाएं मिली हैं. उन्होंने क्षत्रिय समाज और राजपरिवार को लेकर मेरे बयान पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा, “मेरा इरादा बुतपरस्तों द्वारा हमारी संस्कृति और देश पर अत्याचार को चित्रित करना था.” हालाँकि, यदि मेरे बयान से क्षत्रिय समाज या राजपरिवार को कोई नाराजगी हुई है तो मैं खेद व्यक्त करता हूँ और तहे दिल से माफी माँगता हूँ. इसलिए मेरा अनुरोध है कि इस विषय को यहीं पूरा किया जाए. इसके बाद रूपाला ने गोंडल में क्षत्रिय समाज की बैठक में माफी मांगी.