अमरेली जिले में आबादी बढ़ने के साथ ही शेर-तेंदुए इंसानों की आबादी की ओर आने लगे हैं और इंसानों पर हमले की घटनाएं भी बढ़ गई हैं. ऐसी ही एक घटना सावरकुंडला के लुवारा गांव में घटी. जिसमें गांव के बाहरी इलाके में खेल रहे एक सात साल के बच्चे को शेरनी उठाकर खा गई. हालांकि वन विभाग की टीम पहुंची और शेरनी को पकड़ने की कवायद शुरू कर दी. उधर, जब बच्चे के अवशेष ही मिले तो परिवार सदमे में आ गया. इस बीच, आज सुबह शेरनी मिल गई और उसे पिंजरे में बंद कर दिया गया.
इस घटना का विवरण इस प्रकार है कि बच्चा कल शाम लुवारा गांव के आसपास वाडी में खेल रहा था. इतने में एक शेरनी आ गयी. इससे पहले कि बच्चा कुछ समझ पाता, शेरनी ने बच्चे पर हमला कर दिया. बाद में बच्चे को सुरजवाडी नदी के किनारे एक शेरनी उठा ले गई. उधर, जैसे ही बच्चे के परिवार को इसकी भनक लगी तो तुरंत वन विभाग को सूचना दी गई. इसलिए वन विभाग आया और शेरनी की तलाश शुरू कर दी. इसी बीच शेरनी की लोकेशन मिल गई. इसके अलावा उसी क्षेत्र में दो शेर के बच्चे भी थे. इससे वन विभाग में भारी भीड़ उमड़ पड़ी.
वन विभाग की रात भर की खोजबीन के दौरान बच्चे के कुछ अवशेष मिले. इसलिए देर रात मासूम बच्चे के शव को अस्पताल पहुंचाया गया. जहां पीएम की प्रक्रिया की गई. एक किसान परिवार के मासूम बच्चे को शेर ने नोच डाला, परिवार के लोग शोक में डूब गए.
इसी बीच सावरकुंडला रेंज वन विभाग की टीम को देर रात शेरनी की लोकेशन मिली. इसके बाद अलग-अलग इलाकों में पिंजरे लगाए गए और शेरनी को पिंजरे में डालने की कवायद शुरू की गई. पूरी रात की कवायद के बाद सुबह वन विभाग की टीम को सफलता मिली और सुबह करीब पांच बजे शेरनी और दो शावकों को पिंजरे में कैद कर लिया. जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है.