असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद अमृतपाल सिंह की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (National Security Act) के तहत पंजाब के नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह और 9 अन्य की हिरासत अवधि आज एक साल के लिए बढ़ा दी गई. इसे लेकर अमृतपाल के वकील हरपाल सिंह खारा ने इसका विरोध जताया है.
उन्होंने कहा कि CM भगवंत मान एंटी सिख के तौर पर काम कर रहे हैं. जेल में बंद होने के बावजूद अमृतपाल को पंजाब में सबसे ज्यादा वोट हासिल हुए थे. अभी तो अमृतपाल सिंह ने सांसद चुने जाने पर शपथ भी नहीं ली है. इससे पहले ही NSA को उसकी हिरासत को 1 साल के लिए बढ़ा दिया है. खारा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जो यह काम किया है, इसका जवाब लोग 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में देंगे, वकील ने कहा कि न्यायपालिका पर उन्हें पूरा भरोसा है.
अमृतपाल सिंह पिछले साल मार्च से जेल में बंद हैं. ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके तीन सहयोगियों की हिरासत अवधि 24 जुलाई को समाप्त होनी थी, जबकि 6 अन्य सहयोगियों की हिरासत अवधि 18 जून को समाप्त होनी थी. अमृतपाल समेत 9 अन्य आरोपियों की NSA एक साल के लिए बढ़ा दी गई है.
बता दें, वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख और खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब सीट से चुनाव जीत लिया है. अमृतपाल सिंह असम के डिब्रूगढ़ की जेल में बंद है. अमृतपाल सिंह ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 1.97 लाख वोटों से हराया है.
NSA के आदेश आम तौर पर एक वर्ष के लिए प्रभावी होते हैं. अब इसे 1 साल के लिए बढ़ा दिया गया है. पंजाब सरकार के इस कदम को अमृतपाल सिंह और उसके 10 सहयोगियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है.