शहर में नौनिहालों की सुरक्षा अब भगवान भरोसे नजर आ रही है। सतना शहर में शनिवार को उस समय अफरातफरी मच गई जब 5 साल की बच्ची को एक ऑटो चालक बहला-फुसलाकर अगवा कर ले गया। बच्ची झुग्गी बस्ती में अपने घर के बाहर खेल रही थी। तभी ऑटो चालक उसे बहाने से ऑटो में बैठा कर बनहंगवा मोड़ तक ले गया और फिर वहीं छोड़कर फरार हो गया।
कैसे बची मासूम?
बच्ची को सड़क पर अकेले रोते देख राहगीरों को शक हुआ और कोतवाली पुलिस को तत्काल सूचना दी गई। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बच्ची को सुरक्षित पाया और परिजनों को सौंप दिया। बच्ची को सही समय पर बचा लेने से बड़ी अनहोनी टल गई। इस घटना ने शहर में ऑटो चालकों की मनमानी और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर दिया है।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
स्थानीय लोगों की सतर्कता से बची मासूम की जान
स्थानीय लोगों का कहना है कि आधे से ज्यादा ऑटो चालक नशे में धुत्त रहते हैं। कल ही स्टेशन के गेट नंबर 2 के सामने ऑटो चालकों ने एक सवारी के साथ मारपीट की थी। यही नहीं, वहीं पर खुलेआम जुआ भी खेलते हैं, लेकिन RPF और GRP की कोई मौजूदगी नहीं दिखती।
सवालों के घेरे में प्रशासन
जानकारों के मुताबिक, शहर में 20% ऑटो चालकों का आपराधिक रिकॉर्ड है, लेकिन इनकी जांच करने वाला कोई नहीं। RTO भी सिर्फ दिखावे की कार्रवाई करता है। अधिकतर ऑटो बिना फिटनेस, परमिट और ड्राइविंग लाइसेंस के सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
पुलिस भी कभी-कभार खानापूर्ति के लिए कुछ ऑटो जब्त कर चालानी कार्रवाई करती है, लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए जाते। अगर प्रशासन और परिवहन विभाग ने जल्द गंभीरता नहीं दिखाई, तो यह लापरवाही किसी दिन बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।