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10 करोड़ में एक बार होने वाली घटना… दुनिया की सबसे दुर्लभ झींगा मछली मिली

अमेरिका के न्यू हैंपशायर के मछुआरे जोसेफ क्रामर समंदर में मछलियां और झींगा मछली पकड़ रहे थे. जुलाई अंत की बात है. मकसद था कि बढ़िया आमदनी हो जाएगी. लेकिन तभी उन्हें एक नीले रंग का लॉब्स्टर उनकी तरफ देखता हुआ दिखाई दिया. उनकी जाल में फंसा था. वो खाने के हिसाब से कुछ ज्यादा ही खूबसूरत था.

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होता है न कई बार कि आप खाने की खूबसूरती देखते रह जाते हैं. उसे खाने का मन नहीं करता. ये लॉब्स्टर भी इतना ही खूबसूरत है. नीले रंग के इस लॉबस्टर के शरीर पर पर्पल और गुलाली रंग के छोटे-छोटे छीटें भी हैं. जैसे कोई चाइनीज पॉटरी से बनाया गया बर्तन. जोसेफ ने इससे पहले भी नीले रंग के लॉब्स्टर पकड़े हैं. लेकिन ऐसा नहीं.

किस्मत से मिले इस लॉब्स्टर को खाने की प्लेट से हटा दिया गया. उसे सीकोस्ट साइंस सेंटर ले जाया गया. अब इसे यहां पर प्रदर्शनी के लिए रखा गया है. जांच करने पर पता चला कि यह एक कॉटन कैंडी लॉब्स्टर (Cotton Candy Lobster) है. जो बेहद दुर्लभ है. यह 10 करोड़ में एक बार ही दिखाई देता है.

अन्य लॉब्स्टर की तरह भूरे रंग का नहीं होता

ये लॉब्स्टर अपने बाकी साथियों की तरह भूरे, काले या चॉकलेटी रंग के नहीं होते. इनके रंग की वजह से इनका शिकार आसानी से हो जाता है. इसलिए ये जल्दी दिखते नहीं. इससे पहले साल 2018 में कनाडा के तट पर जोसेफ के लॉब्स्टर से ज्यादा हल्के रंग का कॉटन कैंडी लॉब्स्टर दिखा था.

 

एक रंग का प्रभाव जेनेटिक म्यूटेशन से होता है

जो लॉब्स्टर आमतौर पर भूरे दिखते हैं उन्हें जब आप पानी से बाहर निकाले तो आप देखेंगे कि उनके शरीर पर लाल, पीले और नीले रंग के पिगमेंट्स होते हैं. यानी छीटें. कई बार जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से कोई एक रंग ज्यादा प्रभावी हो जाता है. बाकी पता नहीं चलते.

सबसे दुर्लभ है इस झींगा मछली का दिखना

1 करोड़ में एक बार पूरी तरह से लाल लॉब्स्टर दिखता है. 3 से 5 करोड़ में एक बार पूरी तरह से नारंगी, पीले या मिक्स रंग के लॉब्स्टर दिखते हैं. लेकिन कॉटन कैंडी लॉब्स्टर या अल्बीनो लॉब्स्टर 10 करोड़ में एक बार दिखता है. यह तो जोसेफ क्रामर के लिए किसी अच्छी खबर से कम नहीं है.

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