देर रात गर्ल्स छात्रावास में घुसा अज्ञात व्यक्ति, मेडिकल छात्रा से की अभद्रता; छात्रों ने हाईवे किया जाम

देवास। उज्जैन-भोपाल हाईवे स्थित अमलतास अस्पताल परिसर एक बार फिर विवादों में आ गया है। मंगलवार देर रात अस्पताल परिसर के गर्ल्स छात्रावास में घुसे एक अज्ञात व्यक्ति ने मेडिकल छात्रा से अभद्रता की। छात्रा के विरोध करने पर दोनों के बीच संघर्ष भी हुआ।

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इस घटना के बाद बुधवार सुबह सैकड़ों मेडिकल छात्रों ने अस्पताल परिसर और उज्जैन रोड पर जमकर प्रदर्शन किया। घटना को लेकर छात्र-छात्राओं में भारी आक्रोश देखा गया।

बुधवार सुबह घटना की जानकारी मिलते ही मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में एकत्र हो गए। पहले उन्होंने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया और फिर उज्जैन रोड की ओर कूच कर दिया। करीब एक घंटे तक हाईवे पूरी तरह जाम रहा। छात्रों का आरोप था कि छात्रावास में ऐसी गंभीर घटना होने के बावजूद प्रबंधन ने समय पर पुलिस को सूचना नहीं दी और मामले को दबाने का प्रयास किया गया।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएनपी थाना प्रभारी अमित सोलंकी मौके पर पहुंचे और छात्रों को समझाइश दी, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद एएसपी जयवीरसिंह भदौरिया और तहसीलदार रवि शर्मा भी वहां पहुंचे और छात्रों को शांत किया। प्रदर्शन के कारण हाईवे पर यातायात पूरी तरह बाधित रहा। बाद में प्रदर्शनकारी सर्विस रोड की ओर चले गए और दो घंटे तक प्रदर्शन जारी रहा।

बर्खास्त डॉक्टर पर किशोरी से दुष्कर्म का मामला

इसी बीच अमलतास अस्पताल के एक बर्खास्त डॉक्टर रूपम जैन पर एक 17 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। परिजनों के अनुसार, मंगलवार दोपहर डॉ. जैन ने छात्रा को अस्पताल परिसर के अपने कमरे में बुलाया और दुष्कर्म किया।

घटना के बाद छात्रा ने घर पहुंचकर परिवार को जानकारी दी। पीड़िता के परिजन उसे लेकर बीएनपी थाने पहुंचे, जहां आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कुछ ही घंटों में आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया और बुधवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। बताया गया है कि डॉक्टर जैन पहले भी छात्रा से काउंसलिंग के बहाने संपर्क करता था।

पुलिस ने कहा- जल्द करेंगे खुलासा

एएसपी जयवीरसिंह भदौरिया ने बताया कि छात्रावास में घुसे व्यक्ति और डॉक्टर रूपम जैन दोनों मामलों की जांच जारी है। जल्द ही पूरी घटना का राजफाश किया जाएगा। वहीं छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर अब अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं।

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