खेत में मिलीं प्राचीन मूर्तियां, मुआवज़े की मांग को लेकर किसान पहुंचा हाईकोर्ट…

मुझे मिले मूर्तियों का कुछ हिस्सा… यह वाक्य उस किसान के हैं, जिसके खेत से करीब 13 साल पहले प्राचीन काल की मूर्तियां और पुरातात्विक कलाकृतियां निकली थीं. किसान ने कोर्ट में अर्जी लगाकर मांग की है कि उसे उसके खेत से निकली प्राचीन काल की मूर्तियां और पुरातात्विक कलाकृतियां का हिस्सा मिले. इस अर्जी के सामने आने के बाद कोर्ट ने राजस्व विभाग को मूर्तियों की गिनती और उनके इतिहास से संबंधित जानकारियां एकत्रित करने के आदेश दिए हैं.

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आंध्र प्रदेश के बापटला जिले के चंदोलु गांव कभी शहर की राजधानी हुआ करता था, जिसे चंदावोलु के नाम से जाना जाता था. इस गांव में साल 2013 किसान अनवर अली को अपनी कृषि भूमि पर हल चलाने के दौरान कुछ ऐसा मिला कि जिससे वह हैरान रह गए. अनवर अपने खेत में हल से जुताई कर रहे थे कि इसी बीच उनके हल में कुछ मूर्तियों के साथ-साथ पुरातात्विक कलाकृतियां भी फंस गई.

संग्रहीत की मूर्तियां

उन्होंने खेत में खुदाई करके सभी को बाहर निकाला. इसमें भगवान विष्णु की मूर्ति के अलावा देवी की मूर्तियां और कुछ अन्य पूजा सामग्री भी मिलीं शामिल थी. इस बात की जानकारी होते राजस्व विभाग के कर्मचारी किसान के घर पहुंच गए और उन्होंने सभी मूर्तियों समेत कलाकृतियां को जब्त कर लिया. बाद में कर्मचारियों ने उन्हें बापटला के उप-कोषागार कार्यालय में लेकर जाकर संग्रहीत कर दिया.

किसान ने कोर्ट में लगाई अर्जी

इस पूरे मामले में करीब 13 साल बाद किसान ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई है कि उसे अपनी जमीन पर मिली मूर्तियों की कीमत का एक बड़ा हिस्सा चाहिए. इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को मूर्तियों के ठिकाने और उनकी उत्पत्ति की तारीख की जांच करने का आदेश दिया. इसके साथ ही पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने पीवीपालेम तहसीलदार वेंकटेश्वर राव, चंदोलु वीआरओ अरुणा प्रसन्ना व अन्य के साथ बापटला उपकोष कार्यालय में मूर्तियों का निरीक्षण किया.

उन्होंने गिनती की कि वहां कितनी मूर्तियां थींं. अगले दो दिनों में पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर इनके मूल्य का भी आकलन किया जाएगा. एक रिपोर्ट तैयार कर जल्द ही कोर्ट में इसे सबमिट किया जाएगा.

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