आंध्र प्रदेश सरकार ने 3 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई तक तिरुपति के लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी में कथित मिलावट की विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच रोक दी है.
आंध्र के शीर्ष पुलिस अधिकारी द्वारका तिरुमाला राव ने कहा कि जांच की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला “एहतियाती उपाय” के रूप में लिया गया था.
उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के मद्देनजर हमने फिलहाल जांच रोक दी है. हमारी टीम ने कई जगहों का निरीक्षण किया है, कुछ लोगों के बयान दर्ज किए हैं और मामले की शुरुआती जांच की है.”
SIT ने आटा मिल का किया निरीक्षण
सोमवार को एसआईटी ने तिरुमाला में आटा मिल का निरीक्षण किया, जहां घी को लड्डू बनाने में इस्तेमाल करने से पहले संग्रहित किया जाता है, जिसे हर साल पहाड़ी मंदिर में आने वाले लाखों भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
बता दें कि चंद्रबाबू नायडू ने एक लैब जांच रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया है कि तिरुमला तिरुपति वेंकटेश्वर स्वामी बालाजी मंदिर के प्रसाद में प्रयुक्त कथित शुद्ध देसी घी में पशुओं के मांस और अन्य सड़े हुए पदार्थों की मिलावट की गई है. वहीं तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज के अधीन स्वतंत्र जांच समिति (SIT) बनाकर इन आरोपों की जांच कराए जाने की मांग की थी