सूरजपुर : भैयाथान जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत चंद्ररमेंढा का आंगनबाड़ी भवन आज बच्चों की पढ़ाई का नहीं बल्कि उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा खतरा बन गया है.बरसात के मौसम में जहां भवन बच्चों को सुरक्षित आसरा देना चाहिए था, वहीं अब यह मौत का साया बन चुका है.छत से गिरते प्लास्टर और रिसते पानी के बीच मासूम रोज़ पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
स्थानीय निवासी राकेश बंजारे ने भवन की खतरनाक स्थिति को देखकर तुरंत जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी सीताराम भास्कर को अवगत कराया.भास्कर ने मामले की गंभीरता समझते हुए तत्काल अनुविभागीय अधिकारी (SDM) भैयाथान को ज्ञापन सौंपा और स्पष्ट कहा—“यदि समय रहते मरम्मत नहीं हुई तो किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है.”
भवन की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि दरारें और गिरता प्लास्टर बच्चों की सुरक्षा को रोज़ चुनौती दे रहे हैं.छोटे-छोटे बच्चों को इस भयावह माहौल में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है.अभिभावकों का कहना है कि प्रशासन की संवेदनहीनता किसी भी वक्त मासूमों की जान ले सकती है.
SDM भैयाथान ने भरोसा दिलाया है कि जल्द से जल्द भवन की मरम्मत कर बच्चों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा.लेकिन गांव के लोगों को आशंका है कि यह केवल “आश्वासन” बनकर न रह जाए.
ग्रामवासियों ने प्रशासन को चेताया है कि यदि समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो यह समस्या कभी भी भयावह हादसे में बदल सकती है.लोगों का कहना है कि आंगनबाड़ी भवन की जर्जर स्थिति केवल बच्चों की जान के लिए खतरा नहीं, बल्कि प्रशासन की लापरवाही और ढीली व्यवस्था की पोल भी खोल रही है.
अब सबसे बड़ा सवाल यही है—क्या यह समस्या वास्तव में सुलझेगी या फिर मासूम जिंदगियों की कीमत पर केवल खानापूर्ति की जाएगी?