मऊगंज : धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के अनियंत्रित प्रयोग और खुले में मांस बिक्री को लेकर मऊगंज की महिलाओं ने एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नागरिक संरक्षण समिति मऊगंज की अध्यक्ष आशा पटेल के नेतृत्व में महिलाओं ने कलेक्टर संजय जैन को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए इन गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की.
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि 21 जून 2019 को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश दिए गए थे. इसके तहत धार्मिक स्थलों पर ध्वनि स्तर निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए। बावजूद इसके, मऊगंज क्षेत्र में लाउडस्पीकर का दुरुपयोग लगातार जारी है.
महिलाओं ने बताया कि तेज आवाज़ से न केवल आमजन की नींद और संवाद क्षमता प्रभावित हो रही है, बल्कि इससे मानसिक तनाव, उच्च रक्तचाप, बेचैनी और अनिद्रा जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार तेज आवाज़ कान के आंतरिक हिस्से को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है.
इसके साथ ही खुले में मांस बिक्री को लेकर भी आपत्ति जताई गई. ज्ञापन में बताया गया कि यह न केवल स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाता है.
महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट और मध्य प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि पहली कैबिनेट बैठक में ही धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर और खुले में मांस बिक्री पर रोक के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी, लेकिन इनका पालन अभी तक नहीं हो रहा.
कलेक्टर संजय जैन ने महिलाओं को भरोसा दिलाया कि वे ज्ञापन की बिंदुवार जांच कर संबंधित विभागों को निर्देश देंगे और इस पर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. महिलाओं की यह पहल मऊगंज क्षेत्र में नागरिक चेतना की एक सशक्त मिसाल बन रही है.