कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है. न्याय और सुरक्षा की मांग पर फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने आज (सोमवार) हड़ताल का आह्वान किया है. इसके साथ ही संगठन ने पांच सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की धमकी भी दी है. दूसरी ओर, जूनियर डॉक्टर की हत्या के खिलाफ पिछले तीन दिनों से कोलकाता में बवाल मचा हुआ है. जूनियर डॉक्टर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. इससे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. हालांकि पुलिस ने इस मामले में एक सिविक वॉलंटियर का गिरफ्तार किया है, लेकिन आंदोलनरत कार्रवाई और सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलन पर अड़े हुए हैं.
रविवार को दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बैठक की. बैठक के बाद एसोसिएशन ने कोलकाता में लेडी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर मामले की सीबीआई जांच की मांग की. संगठन की ओर से कहा गया है कि डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिये सरकार कड़े कदम उठाए.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार पर डॉक्टरों को भरोसा नहीं है. केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की गई है. डॉक्टरों की हड़ताल से दिल्ली समेत अन्य राज्यों में OPD, OT और वॉर्ड सेवाएं प्रभावित रहेंगी. इस कारण, सोमवार को दिल्ली समेत देश भर के कई सरकारी अस्पतालों में मरीजों को होगी भारी परेशानी होगी. संगठन ने सरकार से कहा है कि समय रहते मांगें मानी जाए ताकि मरीजों को असुविधा न हो.
उधर, कोलकाता में आरजी कर अस्पताल के अधीक्षक को हटाए जाने के बाद भी आंदोलन कम नहीं हो रहा है. कोलकाता में भी डॉक्टरों ने राज्यभर के अस्पतालों में हड़ताल का आह्वान किया.
एसएफआई समेत आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के कई छात्र संगठन इस मुद्दे पर पार्टी की परवाह किये बिना एकजुट होकर दिनभर विरोध प्रदर्शन करते रहे. रविवार को सुपर संजय वशिष्ठ को हटाए जाने के बाद भी आंदोलनकारी अपनी मांगों से टस से मस नहीं हुए. जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि सुपर को हटाना आंखों में धूल झोंकने जैसा है.
उन्होंने कहा कि प्राचार्य संदीप घोष को हटाया जाये. न्यायिक जांच, सीसीटीवी फुटेज का खुलासा करने की मांग समेत चार सूत्री लिखित मांग की. उन्होंने कहा कि अस्पताल के प्रिंसिपल, छाती और फेफड़े के मेडिसिन विभाग के प्रमुख को माफी मांगनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने साफ कर दिया है कि जबतक यह मांग पूरी नहीं हो जाती, वे हड़ताल जारी रखेंगे. उन्होंने समाज के प्रमुख लोगों से भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का आह्वान किया है.
इस बीच, पुलिस कमिश्नर (सीपी) विनीत गोयल रविवार दोपहर जांच के लिए आरजी कर अस्पताल पहुंचे. उनके साथ उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी भी थे. यौन उत्पीड़न और हत्या के मामले की जांच के लिए गठित कोलकाता पुलिस की एसआईटी के सदस्यों ने भी रविवार पहली बार अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने आंदोलन करने वाले डॉक्टरों से कहा कि यदि उन्हें किसी पर संदेह है तो इसका खुलासा करें. पुलिस पूरा सहयोग करेगी. सीएम ममता बनर्जी ने पहले ही दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है, लेकिन आंदोलन करने वाले छात्र अपनी मांग को लेकर अड़े रहे.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की चौथीं मंजिल के सेमिनार हॉल से शुक्रवार सुबह ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर की लाश मिली थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि जूनियर डॉक्टर की रेप कर हत्या की गयी है. डॉक्टर की मौत की घटना से पूरे मेडिकल कॉलेज में हंगामा मच गया. कोलकाता पुलिस ने जांच के लिए SIT का गठन किया और एक सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने जूनियर डॉक्टर की हत्या की है. हत्या करने के पहले उनसे शराब पी. फिर सेमिनार हॉल में सोई जूनियर डॉक्टर के साथ जबरदस्ती की और उसकी हत्या कर दी. उसके बाद वह घर पहुंचा और फिर शराब पी और पॉर्न फिल्मी देखी. बाद में पुलिस ने हेड फोन के टुकड़े और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसे गिरफ्तार किया था. उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने 14 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया.
इस बीच, रेप और हत्या के मामले पर राज्य की सियासत गरमा गई है. बीजेपी नेताओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष की भूमिका की जांच होनी चाहिए. यह सर्वविदित है कि घोष को पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने दो बार आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद से हटाया था, लेकिन वे रहस्यमय तरीके से पद पर बने रहे. उनका प्रभाव इतना है कि एक बार उनके निष्कासन का सरकारी आदेश 48 घंटे के भीतर रद्द कर दिया गया और दूसरी बार उन्हें हटाकर मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन एक महीने के भीतर ही वे फिर से आरजी कर में वापस आ गए.
उन्होंने कहा किउन्हें तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए और कम से कम अस्पताल परिसर में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी विफलता के लिए तो उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए. इस दुखद घटना के बाद उनके भ्रामक बयान और लापरवाह रवैया पीड़ित के प्रति उनकी उदासीनता को उजागर करता है. इस बात की पूरी संभावना है कि उनके करीबी लोग इसमें शामिल हो सकते हैं और पुलिस जांच को जल्दबाजी में खत्म करने की कोशिश कर रही है, ताकि वे पकड़े न जाएं. सत्ता के घेरे में उनका प्रभाव काफी है. केवल एक निष्पक्ष और पारदर्शी न्यायालय की निगरानी वाली CBI जांच ही उन परिस्थितियों को उजागर करेगी, जिनके कारण ऑन-ड्यूटी PGT (स्नातकोत्तर प्रशिक्षु) डॉक्टर के साथ जघन्य बलात्कार और हत्या हुई. पुलिस और प्रशासन के पास निष्पक्ष जांच करने और पूरी सच्चाई को उजागर करने के अलावा छिपाने के लिए और भी बहुत कुछ है.