भोपाल में हिंदू लड़कियों से रेप पर उबाल… कोर्ट में वकीलों ने आरोपियों को पीटा, पुलिस ने सड़क पर लगवाई उठक-बैठक

MP News: राजधानी भोपाल में एक प्राइवेट कॉलेज की 3 हिंदू छात्राओं के साथ बलात्कार और ब्लैकमेलिंग का सनसनीखेज मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सोमवार को जिला अदालत परिसर में उस समय हंगामा मच गया, जब वकीलों के एक समूह ने तीन आरोपियों की पिटाई कर दी. इस घटना ने शहर में तनाव को और बढ़ा दिया है, वहीं हिंदू संगठनों ने जिला अस्पताल में प्रदर्शन कर आरोपियों को जनता के हवाले करने की मांग की है.

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पुलिस ने सोमवार को तीनों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच जिला अदालत में पेश किया था. कोर्ट ने मुख्य आरोपी फरहान अली को 30 अप्रैल तक और अली को 2 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया. हालांकि, कोर्ट परिसर में वकीलों का गुस्सा उस समय भड़क उठा, जब पुलिस उन्हें कोर्टरूम से बाहर निकालकर जीप तक ला रही थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गुस्साए वकीलों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए आरोपियों पर हमला कर दिया. पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.

वरिष्ठ वकील और राज्य बार काउंसिल के सह-अध्यक्ष राजेश व्यास ने कहा, “वकील समुदाय, खासकर युवा वकील, इस घटना से बेहद नाराज हैं. हम अनुशासित तरीके से अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं. यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. अगर भविष्य में ऐसा हुआ, तो इसमें शामिल लोगों पर हमला होगा.” एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों में से एक, सैफ अली को बचा लिया गया और उसे सुरक्षित ले जाया गया.

वकीलों के गुस्से को देखते हुए पुलिस ने अतिरिक्त सुरक्षा बल की मांग की. जब तक क्विक रिएक्शन टीम कोर्ट नहीं पहुंची, तब तक आरोपियों को करीब 3 घंटे तक कोर्टरूम में बैठाकर रखा गया. टीम के पहुंचने के बाद पुलिस ने घेरा बनाकर आरोपियों को जीप तक पहुंचाया, लेकिन इस दौरान वकीलों ने फिर से उनकी पिटाई शुरू कर दी. बड़ी मुश्किल से पुलिस ने आरोपियों को जीप में डालकर कोर्ट परिसर से रवाना किया.

जिला अस्पताल में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन
इससे पहले, सोमवार को ही आरोपियों को कोर्ट में पेश करने से पहले मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल लाया गया था. इस दौरान हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. उन्होंने आरोपियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उन्हें जनता के हवाले करने की मांग की.

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया और प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की.

क्या है पूरा मामला?
यह सनसनीखेज मामला 18 अप्रैल 2025 को तब सामने आया, जब एक पीड़िता ने बागसेवनिया पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. उसने आरोप लगाया कि फरहान अली उर्फ फराज ने उसे अपने दोस्तों से मिलवाने के लिए मजबूर किया, जिन्होंने उसका यौन शोषण किया और ब्लैकमेल किया.

पुलिस के अनुसार, फरहान कॉलेज का पूर्व छात्र है और उसने दो साल पहले अपनी पहचान छिपाकर एक नाबालिग लड़की से दोस्ती की थी. फिर रेप किया. यही नहीं, पीड़िता का वीडियो बनाया और उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. फरहान के दो दोस्तों, साहिल और साद ने भी इसी तरह अन्य लड़कियों को अपने जाल में फंसाया.

पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता (BNS), और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. जांच में फरहान के फोन से कई अश्लील वीडियो बरामद हुए, जिनमें कम से कम 10-15 लड़कियों के वीडियो होने की बात सामने आई है. जांचकर्ताओं का मानना है कि जांच आगे बढ़ने पर पीड़ितों और आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है.

अजमेर रेप कांड से तुलना
यह मामला 1992 के कुख्यात अजमेर रेप कांड की याद दिलाता है, जहां 100 से ज्यादा स्कूली छात्राओं को ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण किया गया था. भोपाल मामले में भी आरोपियों ने वीडियो बनाकर पीड़िताओं को ब्लैकमेल किया और उन्हें अपने दोस्तों से मिलवाने के लिए मजबूर किया. कई पीड़िताओं ने बताया कि उन्हें जबरदस्ती नशा कराया गया, मांस खिलाया गया और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया.

सियासी बवाल
इस मामले ने भोपाल में सामाजिक तनाव को जन्म दिया है. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस घटना को ‘द केरल स्टोरी” फिल्म जैसी साजिश करार देते हुए आरोपियों को सार्वजनिक सजा देने की मांग की है. वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य में ‘जिहाद या लव जिहाद’ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरोपियों को सख्त सजा दी जाएगी. कांग्रेस ने भी इस मामले की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

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