मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में सरकारी हॉस्टल में छात्रों के साथ किस हद तक अमानवीयता हो रही है. इसका ताजा उदाहरण श्योपुर के सरकारी पोस्ट मैट्रिक छात्रावास से निकलकर सामने आया. यह मामला पहली बार नहीं हुआ इससे पहले भी बीते 17 अगस्त को इसी छात्रावास में छात्र उस पीड़ा को झेल चुके हैं. जिसकी शिकायत लेकर कलेक्टर अर्पित वर्मा के बंगले पर पहुंचे छात्रों ने देर रात अधीक्षक के खिलाफ खाना नहीं मिलने की शिकायत और छात्रों को धमकाने सहित शिकायत करने की धमकी भी मिली.
आपको बता दें जब मामला बढ़ा तो देर रात अनुसूचित जनजाति के सहायक आयुक्त आरके गुप्ता और एसडीएम गगन मीणा मौके पर पहुंचे. छात्रावास के छात्रों का आरोप था कि अधीक्षक बीरेंद्र जगनेरी उनके साथ अभद्रता करता था. सरकार के मापदंड के अनुसार भोजन नहीं देता. हालांकि अनुसूचित जनजाति विभाग के सहायक आयुक्त ने अधीक्षक को 18 अगस्त को हटाने की बात कही पंरतु उन्होंने इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया तो अधीक्षक बीरेंद्र जगनेरी के हौसले और भी बुलंद हो गए और उन्होंने छात्रों के साथ फिर बही पुराना व्यवहार शुरू कर दिया था. यह बात हम नहीं बल्कि छात्रों के द्वारा कही गई है. मंगलवार को अधीक्षक ने छात्रों को प्रताड़ित किया और हॉस्टल से बाहर निकालते हुए उन्हें नोटिस थमा दिया. छात्रों ने अपनी आपबीती सोशल मीडिया पर बयां की. हालांकि कलेक्टर अर्पित वर्मा ने 26 अगस्त को अधीक्षक को हटाने का आदेश जारी कर दिया।पंरतु उस आदेश को 27 अगस्त की रात जारी किया.
क्या था मामला क्यों बढ़ा विवाद
जानकारी के मुताबिक 17 अगस्त को पोस्ट मैट्रिक हॉस्टल में छात्रों ने कलेक्टर अर्पित वर्मा के बंगले का घेराव किया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हॉस्टल अधीक्षक बीरेंद्र सिंह जगनेरी छात्रों के साथ अभद्रता और मेन्यू अनुसार खाना नहीं देता. जब छात्र इस मामले का विरोध करते है तो उनको अधीक्षक द्वारा धमकाया जाता है. हालांकि अनुसूचित जनजाति के सहायक आयुक्त और एसडीएम गगन मीणा जिला पंचायत अध्यक्ष गुड्डी बाई आदिवासी ने मौके पर पहुंची छात्रों से मुलाकात कर उचित कर्रवाई का भरोसा दिलाया.
रात्रि के दौरान भी बढ़ा विवाद छात्रों को हॉस्टल से निकाला बाहर
मंगलबार की रात भी फिर से विवाद सामने आया.यहां छात्रों का आरोप था कि अधीक्षक के द्वारा उसकी शिकायत करने पर उन्हें नोटिस और उन्हें हॉस्टल से बाहर निकाल दिया.जब मामला बढ़ा तो मीडिया और समाजसेवी संस्था के लोग भी सामने आए.पंरतु रात्रि करीब 9 बजे तक कलेक्टर ऑफिस से जारी हुआ आदेश जारी हुआ.
सोशल मीडिया पर बढ़ा विवाद एक दूसरे का बता रहे योगदान
बुधवार को सोशल मीडिया पर अब विवाद का मामला सामने आया है. यहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा मंगलवार की रात छात्रों के बीच पहुंचकर प्रदर्शन किया गया और छात्रों से मुलाकात की. उसके कुछ घंटे बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने 26 अगस्त को जारी हुआ आदेश सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.अब समाजसेवी इसको अपनी उपलब्धि गिनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे.
कलेक्टर ने जारी किया आदेश अधीक्षक को हटाया
श्योपुर के कलेक्टर अर्पित ने एक आदेश जारी किया.जिसमें उन्होंने अनुसूचित जनजाति के अधीक्षक प्रवीण सिंह जगनेरी को हटाने की कार्रवाई की. और उन्हें उनके मूल पद शासकीय प्राथमिक विद्यालय बूढ़ा गौठरा के लिए कार्यमुक्त कर दिया. इसके अलावा नव नियुक्त अधीक्षक दिनेश सिंह सेंगर शिक्षक एकीकृत माध्यमिक विद्यालय जारेला को आगामी आदेश तक अधीक्षक का प्रभार दिया गया है.