कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक संजय पाठक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति को करोड़ों के अवैध खनन के मामले में फोन पर बातचीत करने के प्रयास का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि पांच गांवों में आदिवासियों की 1100 एकड़ भूमि खरीदने का मामला सामने आया है।
शिकायत पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने 30 दिनों में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। आरोप है कि विधायक ने अनुसूचित जनजाति के निजी कर्मचारियों के नाम पर जबलपुर, कटनी, डिंडौरी, उमरिया और सिवनी जिलों में बैगा जनजाति के लोगों से लगभग 1100 एकड़ जमीन खरीदी है।
खदानों के आसपास की जमीनें खरीदने वाले विधायक के चार आदिवासी कर्मचारी नत्थू कोल, प्रहलाद कोल, राकेश सिंह गौड़ और रघुराज सिंह गौड़ हैं, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। इस बाबत जबलपुर के कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने कहा कि अभी तक उन्हें आयोग से जारी निर्देश नहीं मिला है। यदि मिलता है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सहारा की भूमि भी खरीदने का मामला चर्चा में
विधायक पाठक पर सहारा की 310 एकड़ की बेशकीमती जमीन कौड़ियों के भाव खरीदने का मामला भी है। इस मामले की शिकायत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तक पहुंची है। 435 पन्नों की शिकायत में कहा गया है कि भोपाल, जबलपुर और कटनी जिले में सहारा की 310 एकड़ बेशकीमती जमीनें खरीदने के लिए विधायक पाठक ने काले धन का इस्तेमाल किया। पाठक ने दो पारिवारिक फर्मों के नाम पर सहारा के अधिकारियों से मिलीभगत कर एक हजार करोड़ से अधिक की जमीन का सौदा सिर्फ 79.66 करोड़ रुपये में किया।