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चीन में आई कोरोना जैसी एक और महामारी? इंटरनेट पर वायरल हुए अस्पताल के भीड़ वाले वीडियो

पांच साल पहले, 2019 के अंत में, चीन के वुहान शहर के अस्पतालों से कुछ वीडियो सामने आए थे, जिनमें लोग सांस की तकलीफ और खांसी की शिकायत के साथ अस्पतालों में भर्ती होते दिखाई दिए.

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देखते ही देखते यह स्वास्थ्य संकट पूरी दुनिया के सामने आ खड़ा हुआ, जिसे बाद में कोविड-19 का नाम दिया गया. धीरे-धीरे इस महामारी ने अपने संक्रमण के दायरे में पूरी दुनिया को समेट लिया.

क्या चीन में पांच साल बाद फिर से कुछ ऐसी कहानी रिपीट होने जा रही है. सोशल मीडिया चीन के अस्पताल के ऐसे ही वीडियो वायरल हो रहे हैं. जहां अस्पतालों में अफरा तफरी दिखाई जा रही है. दावा किया जा रहा है कि ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस (HMPV) और अन्य वायरस के प्रकोप ने अस्पतालों और कब्रिस्तानों को भर दिया है. इन वायरस में इन्फ्लुएंजा ए, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड-19 भी शामिल हैं.

सोशल मीडिया पर फैली दहशत
पांच साल पहले कोविड-19 के बाद नई महामारी का खतरा मंडराने से लोग सोशल मीडिया पर पैनिक कर रहे हैं. एक वायरल पोस्ट, जिसे 12 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिले हैं. अस्पताल के गलियारों में बुजुर्ग मरीजों की भीड़ दिखाई गई है. पोस्ट में लिखा है, चीन के अस्पताल ‘इन्फ्लुएंजा ए’ और ‘ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस’ के प्रकोप से जूझ रहे हैं, जो तीन साल पहले की कोविड लहर की याद दिला रहे हैं.

WHO और चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने क्या कहा?
हालांकि, इन दावों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने किसी नई महामारी के होने की पुष्टि नहीं की है, न ही कोई आपातकालीन अलर्ट जारी किया है. विशेषज्ञों का कहना है कि वायरल पोस्ट्स के बावजूद ऐसी स्थिति अभी केवल अटकलों तक सीमित है.

क्या है ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस (HMPV)?
HMPV एक ऐसा वायरस है, जो आमतौर पर सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है. छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग इसके सबसे बड़े शिकार बन सकते हैं. इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना शामिल हैं, लेकिन यह न्यूमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस जैसे गंभीर सांस के रोग भी पैदा कर सकता है.

कोविड जैसा फैलाव
HMPV का फैलाव कोविड-19 जैसा ही है।.यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकली बूंदों से फैलता है. साथ ही, वायरस से संक्रमित सतहों को छूने से भी संक्रमण का खतरा रहता है.हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और दावे डर पैदा कर रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों ने अभी इसे ज्यादा गंभीरता से लेने की सलाह नहीं दी है. WHO और स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी नई महामारी की पुष्टि नहीं की गई है.

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