नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश किया है. क्राइम ब्रांच की टीम ने इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट का रैकेट चला रहे थे. यह पूरा रैकेट फर्जी दस्तावेजों के आधार पर देश के 3 राज्यों में स्थित अस्पतालों में चलाया जा रहा था.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश कर मामले में 8 आरोपियों की गिरफ्तारी करने के बाद इसमें आगे की जांच भी शुरू कर दी है. इस रैकेट में और लोगों की संलिप्तता होने की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है. इस पूरे मामले को लेकर क्राइम ब्रांच की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई है.
- क्राइम ब्रांच की इंटर स्ट्रेट सेल टीम ने किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया है.
- एक लेडी कंप्लेनर से किडनी के बदले 25 लाख रुपये लिये गये थे
- इस रैकेट में संदीप,पुनीत, रोहित, संदीप कई अन्य लोग शामिल हैं
- पुनीत नकली दस्तावेज बनाता था.
- इन तीनों ने पहले खुद किडनी डोनेट की थी
- संदीप आर्य 35 से 40 लाख लेता था.
- रोहित 122 ग्रुप में सक्रिय था.
- सुमित 50 हजार पर केस लेता था. जो पेशेंट देता था और 5 लाख लेता था.
- सोशल मीडिया के माध्यम से डोनर ढूंढते थे. 11 अस्पताल में 34 केस करवा चुके है.
9 जुलाई को पकड़ा गया था इंटरनेशनल किडनी ट्रांस्प्लांट रैकेट, बांग्लादेश से जुड़े थे तार
बता दें कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पिछले दिनों 9 जुलाई को एक इंटरनेशनल किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भी भंडाफोड़ किया था जिसमें ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट एक किडनी डोनर से 4 से 5 लाख रुपए में किडनी लेते थे और रिसीवर को 20 से 30 लाख रुपए में देते थे. इसमें जाने-माने अस्पतालों की एक महिला डॉक्टर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में गिरफ्तार लोगों के तार बांग्लादेश से जुड़े हुए थे. यह इंटरनेशनल रैकेट भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किडनी रैकेट चला रहा था और बताया गया था कि यह पूरा रैकेट नोएडा के एक निजी अस्पताल में करीब 15 से 16 किडनी ट्रांसप्लांट भी 2021 और 2023 के बीच में कर चुका था.