बिहार के दूर दराज के इलाकों में सरकार की योजनाओं का असर दिखने लगा है. विकास और रोजगार से लोगों की जिंदगी में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं. खासतौर पर महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, बुजुर्गों के लिए मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना और युवाओं के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाएं अब सरकारी फाइलों तक सीमित नहीं हैं बल्कि अब जमीनी हकीकत बदल चुकी है.
इसी बीच बिहार में खेती को हाईटेक बनाने के लिए एक और नई योजना की शुरुआत हुई है. बिहार सरकार ने ‘पॉपुलराइजेशन ऑफ एरियल स्प्रे ऑफ पेस्टिसाइड एंड लिक्विड फर्टिलाइजर बाय ड्रोन’ योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत किसानों को खेती में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए सब्सिडी और मुफ्त ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए बिहार सरकार ने 368.65 लाख रुपये का बजट तय किया है.
खेती को टिकाऊ और लाभकारी बनाने की योजना
यह योजना खेती को टिकाऊ और लाभकारी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. नीतीश सरकार की ये योजनाएं अब बिहार की आम जनता की जिंदगी को सीधे तौर पर प्रभावित कर रही हैं. सरकार का फोकस किसानों पर भी है. सरकार किसानों का खुशहाल करना चाहती है.
बीते दिनों बिहार सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि में करीब तीन गुणा का इजाफा किया है. इस योजना के तहत वृद्धजन, दिव्यांगजन और विधवा महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की है. अब इन्हें हर महीने 400 रुपये की जगह 1100 रुपये पेंशन मिलेगी. सभी लाभार्थियों को जुलाई महीने से ही बढ़ी हुई दर पर पेंशन मिलेगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी कहना है कि वृद्धजन समाज का अनमोल हिस्सा हैं और उनका सम्मानजनक जीवन-यापन सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. राज्य सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयत्नशील रहेगी. गौरतलब है कि बिहार में मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के लाभुकों की संख्या अब 50 लाख पहुंचने वाली है.
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से छात्रों को लाभ
बिहार के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए नीतीश सरकार ने वर्ष 2016 में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत छात्रों को 4 लाख रुपये तक शिक्षा ऋण दिया जाता है. बड़ी बात ये है कि छात्रों को इस योजना के तहत ली गई लोन राशि का भुगतान कोर्स पूरा करने और जॉब पाने के बाद करना होता है. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक राज्य सरकार की नीतियां अब आम आदमी के जीवन को प्रभावित कर रही हैं.
बिहार की जनता इसका भरपूर फायदा उठा रही है. अब इन योजनाओं की सफलता का असर सियासी स्तर पर भी दिखने लगा है. ये सिर्फ संगठन की ताकत ही नहीं है बल्कि सरकार की योजनाओं की बड़े पैमाने पर स्वीकार्यता का परिणाम है.