ईरान और इजरायल आमने-सामने हैं. दोनों मुल्क एक-दूसरे पर बम और मिसाइल बरसा रहे हैं. इसी बीच ईरान की राजधानी तेहरान के गिशा इलाके में आज सुबह हुए एक जोरदार धमाके में एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट की मौत हो गई. इजरायली मीडिया Kan News के मुताबिक एक इजरायली अधिकारी ने दावा किया है कि ये हमला इजरायल की सेना IDF (इजरायल डिफेंस फोर्सेस) ने किया था.
इजरायली अधिकारी के मुताबिक इस धमाके का मकसद ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम से जुड़े एक बड़े वैज्ञानिक को निशाना बनाना था और शुरुआती जानकारी के मुताबिक वह साइंटिस्ट इस हमले में मारा गया है. हालांकि ईरानी सरकार की ओर से अब तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस घटना ने दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और बढ़ा दिया है.
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियन ने इज़रायल के हमलों को लेकर सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि शांति की एकमात्र राह यही है कि इज़रायली हमलों को तुरंत और बिना शर्त रोका जाए. पेज़ेश्कियन ने साफ किया कि अगर इज़रायल की ओर से हमले जारी रहते हैं, तो ईरान को और भी कड़ा जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. उधर, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक इज़रायल के हमले जारी रहेंगे, अमेरिका या किसी अन्य देश के साथ इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं होगी.
इजरायली हमले जारी रहने तक नहीं होगी बातचीत
अब्बास अराकची ने कहा कि हम वर्तमान परिस्थितियों में किसी से खासतौर पर अमेरिका से बातचीत नहीं करना चाहते. बल्कि अमेरिका ही हमसे संपर्क कर रहा है. अमेरिका ने कई बार और गंभीर स्तर पर बातचीत की पेशकश की है, लेकिन हमने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि जब तक ज़ायोनिस्ट शासन (इज़रायल) के हमले जारी रहेंगे, बातचीत या कूटनीति का कोई सवाल ही नहीं उठता.
‘ईरान को अपनी रक्षा करने का पूरा हक’
अराकची ने कहा कि ईरान इस समय आत्मरक्षा की स्थिति में है और अपना बचाव करना उसका अधिकार है. ईरान के मिसाइल हमलों का ज़िक्र करते हुए अराकची ने कहा कि हमारे मिसाइल हमले सिर्फ सैन्य ठिकानों पर केंद्रित हैं, न कि आम नागरिकों या अस्पताल जैसी जगहों पर. अगर इज़रायल हमारे आर्थिक ठिकानों पर हमला करता है, तो हम उनके आर्थिक संस्थानों को भी निशाना बनाएंगे.