आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने प्रोफेसर जी. माधवी लता की तारीफ की. उन्होंने एक्स पर लिखा कि एक और तेलुगु बेटी ने भारत को गौरवान्वित किया है. उन्होंने कहा कि मैं चिनाब नदी पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के पीछे की प्रतिभाशाली दिमागों में से एक प्रोफेसर जी. माधवी लता को सलाम करता हूं. सीएम नायडू ने कहा कि रेलवे पुल का उद्घाटन 6 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव से आने वाली माधवी लता ने देश के लिए इस वास्तुशिल्प चमत्कार को बनाने के लिए 17 साल की कड़ी मेहनत और त्याग किया.
उन्होंने कहा कि मैं चुनौतीपूर्ण भूभाग और कठोर मौसम की स्थिति के बावजूद इस अभूतपूर्व परियोजना को पूरा करने के लिए इंजीनियरों और निर्माण श्रमिकों की पूरी टीम को बधाई देता हूं. राष्ट्र निर्माण में आपका योगदान प्रेरणादायक है.
दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे-मेहराब पुल
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के हिस्से के रूप में चिनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे-मेहराब पुल है. नदी तल से 359 मीटर ऊपर यह सलाल बांध के पास चिनाब नदी पर बना है और इसकी कुल लंबाई 1,315 मीटर है.इसका इस्पात से बना मुख्य मेहराब अकेले 467 मीटर लंबा है और यह 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवा को भी झेल सकता है.यह एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा और कुतुब मीनार से लगभग पांच गुना ऊंचा है. इस विशाल संरचना को बनाने में 28,000 मीट्रिक टन इस्पात का इस्तेमाल किया गया है.
Another Telugu daughter has made India proud!
I salute Professor G. Madhavi Latha Garu, one of the brilliant minds behind the world’s highest railway bridge over the Chenab River, inaugurated by Hon'ble Prime Minister Narendra Modi Ji on June 6. Hailing from a small village in… pic.twitter.com/uRusNwWXpM
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) June 8, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया उद्घाटन
जम्मू-कश्मीर में बने दुनिया के सबसे ऊंचे इस रेलवे पुल चिनाब ब्रिज का 6 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था. ये परियोजना 272 किलोमीटर लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक (USBRL) का हिस्सा है और इसे 2003 में मंजूरी दी गई थी. इस पुल के सफल निर्माण में प्रोफेसर जी माधवी लता का बहुत बड़ा योगदान है.
17 सालों तक इस परियोजना से जुड़ी रहीं माधवी
बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में प्रोफेसर माधवी लता 17 वर्षों तक चिनाब ब्रिज परियोजना में भू-तकनीकी सलाहकार के रूप में शामिल रहीं. उन्होंने पुल के ठेकेदार, एफकॉन्स के साथ मिलकर संरचना की योजना, डिजाइन और निर्माण में काम किया. इस दौरान पहाड़ी इलाके को लेकर आने वाली समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया गया.