राजस्थान विधानसभा में ‘राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’ पारित कर दिया गया है। इस बिल के तहत जबरन, धोखे या लालच के जरिए धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कड़ी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। बिल में पहली बार बुलडोजर कार्रवाई को कानूनी रूप दिया गया है, जिसके तहत अवैध तरीके से धर्म परिवर्तन कराने वाले संस्थानों की इमारतों को सील या तोड़ा जा सकेगा।
बिल में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में संपत्ति जब्त की जा सकती है और उस पर बुलडोजर चलाया जा सकता है। प्रशासन और स्थानीय निकाय कार्रवाई से पहले जांच करेंगे और नोटिस देने के 72 घंटे के भीतर कार्रवाई पूरी की जाएगी।
इस बिल में सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जबरन धर्मांतरण कराने पर 7 से 14 साल की जेल और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना होगा। नाबालिग, दिव्यांग, महिला, अनुसूचित जाति या जनजाति के लोगों का धर्मांतरण कराने पर 10 से 20 साल की कैद और दस लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। सामूहिक धर्मांतरण के मामले में 20 साल से लेकर आजीवन कारावास और न्यूनतम 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं, विदेशी संस्थानों से फंड लेकर धर्मांतरण कराने पर 10 से 20 साल की सजा और 20 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा।
बिल में यह भी प्रावधान है कि शादी का मकसद केवल धर्मांतरण हो तो ऐसी शादी को कानूनी रूप से अवैध घोषित किया जा सकेगा। इसके अलावा, धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया में व्यक्ति को कम से कम 90 दिन पहले कलेक्टर या एडीएम को सूचना देनी होगी, और धर्मगुरु को भी दो महीने पहले नोटिस देना अनिवार्य होगा। सूचना सार्वजनिक की जाएगी और आपत्तियों के निपटारे के बाद ही धर्म परिवर्तन मान्य होगा।
विपक्षी कांग्रेस ने सदन में बिल का विरोध किया। कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने कहा कि यह बिल गलत मंशा से लाया गया है और इससे समाज में सांप्रदायिकता बढ़ेगी। उनके अनुसार, यह कानून समाज को जोड़ने के बजाय विभाजित करेगा।